फिट होंगे, तो ही कर पाएंगे तीर्थ
जागरण संवाददाता, देहरादून: 'मेरे बुजुर्ग, मेरे तीर्थ' योजना के तहत व्यक्ति तभी यात्रा पर जा सकेगा, ज
जागरण संवाददाता, देहरादून: 'मेरे बुजुर्ग, मेरे तीर्थ' योजना के तहत व्यक्ति तभी यात्रा पर जा सकेगा, जब वह फिट होगा। बुजुगरें को पहले मेडिकल सर्टिफिकेट देना होगा, इसके बाद ही वे तीर्थ पर जा पाएंगे।
65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गो को नि:शुल्क तीर्थयात्रा कराने के लिए सरकार ने 'मेरे बुजुर्ग, मेरे तीर्थ' योजना की नींव रखी। बीते साल रिस्पांस फीका रहने के बाद अब योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इस दफा बुजुगरें के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट की भी अनिवार्यता कर दी गई है। बुजुगरें को फिटनेस सर्टिफिकेट देने के बाद ही पहाड़ की यात्रा की अनुमति दी जाएगी। प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को इस बाबत निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
गंगोत्री व बदरीनाथ यात्रा पर जाने वाले हर बुजुर्ग की हृदय संबंधी जाच की जाएगी। इसके अलावा हड्डी और नेत्र जाच भी होगी। रिपोर्ट सही आने के बाद ही यात्रा में जाने की अनुमति मिलेगी। यदि व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक नहीं तो स्वीकृति नहीं मिलेगी। सीएमओ की तरफ से भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, संयुक्त चिकित्सालय, जिला अस्पताल को निर्देश दिए गए हैं कि यात्रा पर जाने वाले बुजुगरें की यह सभी जाच नि:शुल्क की जाएं। बहरहाल नई व्यवस्था के तहत पूरी तरह फिट साबित होने पर ही व्यक्ति को यात्रा का ग्रीन सिग्नल मिलेगा। आमतौर पर देखा गया है कि वृद्धावस्था में हड्डी, हृदय संबंधी बीमारी व आंख की तकलीफ ज्यादातर लोगों को होती है। ऐसे में बुजुगरें के लिए यात्रा पर जाना आसान नहीं होगा।