यूजीसी का मजबूत हथियार बनेगा ई-गवर्नेस
प्रस्तावित: अनिल उपाध्याय, देहरादून उच्च शिक्षा में पारदर्शिता को मजबूत करने में विश्वविद्यालय अनु
प्रस्तावित: अनिल उपाध्याय, देहरादून
उच्च शिक्षा में पारदर्शिता को मजबूत करने में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के लिए ई-गवर्नेस सबसे अहम हथियार साबित होगा। इस संबंध में देश के तमाम केंद्रीय, राज्य स्तर और डीम्ड विश्वविद्यालयों समेत सामान्य विकास अनुदान प्राप्त करने वाले संस्थानों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। ई-गवर्नेस की व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए यूजीसी ने बाकायदा एक पोर्टल भी शुरू किया है। इस पोर्टल से जुड़ने के बाद संस्थानों पर यूजीसी सीधी निगरानी रख सकेगा।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने फंडिंग और मान्यता के लिए किए जाने वाले आवेदनों में पारदर्शिता लाने, मानवीय व्यस्तता को न्यूनतम करने, कागजों का इस्तेमाल व सार्वजनिक राशि के दुरुपयोग को कम करने, योजनाओं, अनुदान, बजट और राशि के प्रबंधन को बेहतर करने और देश में उच्च शिक्षा पर नजर रखने के लिए ई-गवर्नेस को पूरी तरह लागू करने का निर्णय लिया है। यूजीसी की मंशा है कि उच्च शिक्षा संस्थान गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न करें और सेवा प्रदाता सस्थानों के रूप में सेवाएं दें। साथ ही कार्यो के निस्तारण में इन्फार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आइसीटी) का इस्तेमाल बढ़ाया जाए।
यूजीसी के सचिव प्रो. (डॉ.) जसपाल एस.संधु की तरफ से 20 अप्रैल को जारी पत्र में कहा गया कि ई-गवर्नेस लागू होने से कार्यक्षमता बढ़ेगी, बेवजह की रोकटोक से मुक्ति मिलेगी और कागजी काम काफी कम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यूजीसी से फंड जारी होने के बाद उसके इस्तेमाल पर नजर रखी जा सकेगी और इससे फंड का बेहतर इस्तेमाल हो पाएगा। आमतौर पर यूजीसी से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल सही तरीके से नहीं हो पाता है और वित्तीय वर्ष के अंत में अक्सर फंड को ठिकाने लगाने के लिए काम कराए जाते हैं। इसमें गुणवत्ता की कमी रहती है और पूरा लाभ नहीं मिल पाता।
उत्तराखंड के अधिकतर विश्वविद्यालयों में भी अभी तक तमाम योजनाओं के लिए काम ऑफलाइन मोड में ही चल रहा है। ई-गवर्नेस लागू होने से यहां भी फंड के इस्तेमाल में तेजी आएगी और विश्वविद्यालयों की तस्वीर बदलेगी।
ई-स्कीम्स पोटर्ल शुरू
यूजीसी ने सभी हायर एजुकेशनल को ई-गवर्नेंस लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत यूजीसी ने ई-स्कीम्स पोर्टल की शुरुआत की है। जिसका लिंक यूजीसी की वेबसाइट पर भी दिया गया है। ई-गवर्नेंस योजना से जुड़ने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों को इस पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। इसके बाद संबंधित संस्थान को यूजीसी लॉग इन आइडी और पासवर्ड मुहैया कराएगी।
ऐसे करें पंजीकरण
संबंधित विश्वविद्यालय का कुलसचिव या समकक्ष अधिकारी इसके तहत अधिकृत होंगे और वही विश्वविद्यालय के लिए पंजीकरण कराएंगे। यूजीसी पंजीकरण के बाद यूजर आइडी को एक्टीवेट करेगा और पासवर्ड मुहैया कराएगा। यूजीसी ने पत्र में कहा कि पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू करने से पहले ध्यान रहे कि एक विश्वविद्यालय केवल एक ही बार पंजीकरण कर सकता है। साथ ही पंजीकरण के लिए सभी जरूरी दस्तावेजों को तैयार रखें। इनमें संबंधित अधिकारी के पहचान पत्र व यूजीसी के पत्र की स्कैन प्रति और संबंधित संस्थान का अधिकार पत्र स्कैन प्रति में शामिल हैं। जानकारी के लिए यूजीसी की वेबसाइट पर लॉग इन किया जा सकता है।
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'अभी तक पत्र देखा नहीं है। लेकिन, ई-गवर्नेस पारदर्शिता, जबावदेही और जिम्मेदारी के निर्धारण में अहम भूमिका निभाएगी। यूजीसी के निर्देशों का पालन किया जाएगा।'
-प्रो. पीके गर्ग, कुलपति, उत्तराखंड तकनीकी विवि