Move to Jagran APP

जल्द धरातल पर उतरेंगी मुख्यमंत्री की घोषणाएं

राज्य ब्यूरो, देहरादून: शासन ने वर्ष 2012 से मुख्यमंत्री घोषणाओं के तहत तकरीबन 2000 कार्यो को पूरा क

By Edited By: Published: Sat, 25 Apr 2015 01:02 AM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2015 01:02 AM (IST)
जल्द धरातल पर उतरेंगी मुख्यमंत्री की घोषणाएं

राज्य ब्यूरो, देहरादून: शासन ने वर्ष 2012 से मुख्यमंत्री घोषणाओं के तहत तकरीबन 2000 कार्यो को पूरा करने की दिशा में अब गति प्रदान की है। इसके तहत मुख्यमंत्री की घोषणाओं को पूरा करने के लिए 50 करोड़ की समेकित निधि को मंजूरी प्रदान की गई है। शासन ने साथ ही विभागों से 15 मई तक मुख्यमंत्री घोषणाओं को पूरा करने के लिए सचिवालय प्रशासन के पास अपने प्रस्ताव भेजने को कहा है। बजट की कमी पड़ने की सूरत में अनुपूरक बजट में इसका प्रावधान किया जाएगा। इसके अलावा किसानों को आर्थिक सुरक्षा और स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए भी कदम उठाए गए हैं।

loksabha election banner

शुक्रवार को सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में प्रमुख सचिव ओमप्रकाश ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शासन ने वर्ष 2012 से हुई मुख्यमंत्री घोषणा को पूर्ण करने के लिए हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 50 करोड़ की समेकित निधि का प्रावधान किया है। उन्होंने बताया कि अभी तक मुख्यमंत्री द्वारा की गई 2000 घोषणाओं पर कार्य किया जा रहा है। इनमें से अधिकांश घोषणाओं पर 50 फीसद से अधिक का कार्य हो चुका है। जिन घोषणाओं पर अभी कार्य रुके हुए हैं वे वन भूमि से संबंधित हैं, इन घोषणाओं को भी जल्द पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। प्रमुख सचिव ने कहा कि सबसे अधिक घोषणाएं पीडब्लूडी विभाग से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह 50 करोड़ रुपये से 75 घोषणाओं पर कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। शेष अन्य घोषणाओं को पूरा करने के लिए इन पर विशेष नजर रखी जा रही है। स्वयं मुख्यमंत्री हरीश रावत भी अधिकारियों से इस संबंध में जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने कह कि अगले छह से आठ माह में घोषणाओं को धरातल पर उतारने का कार्य किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि किसानों को आर्थिक सुरक्षा व लोगों को रोजगार देना के लिए मुख्यमंत्री ने कटिबद्धता दिखाई है। इस कारण इस तरह की योजना अपनाई जा रही है कि कम खर्च पर ज्यादा फायदा मिले। इसके तहत चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत स्थानीय खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता, पोषण क्षमता व जैविक गुणों के साथ ही स्थानीय उत्पादों के विपणन को प्रोत्साहित किए जाने के दृष्टिगत चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत सभी राजकीय चिकित्सालयों में अब झंगोरा, मंडुआ और काला भट्ट के व्यंजन परोसे जाएंगे। इसके अलावा राजकीय प्रतिष्ठानों को जो सामग्री आपूर्ति की जाती है, उसमें भी स्थानीय उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए लघु व मध्यम उद्योग के उत्पादों के प्रयोग के निर्देश दिए गए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.