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उच्च शिक्षा के साथ ही रोजगारपरक शिक्षा

-पाठ्यक्रमों का चयन करेगी कालेज प्राचार्य की अध्यक्षता में गठित समिति -गर्मियों और सर्दियों की छुट

By Edited By: Published: Thu, 02 Apr 2015 01:01 AM (IST)Updated: Thu, 02 Apr 2015 01:01 AM (IST)
उच्च शिक्षा के साथ ही रोजगारपरक शिक्षा

-पाठ्यक्रमों का चयन करेगी कालेज प्राचार्य की अध्यक्षता में गठित समिति

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-गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों की अवधि के लिए भी तैयार होगा पाठ्यक्रम

-प्राचार्य की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति करेगी पाठ्यक्रम संचालन और शुल्क निर्धारण

-बीपीएल परिवारों के छात्र-छात्राओं को शुल्क में 50 फीसद छूट

-छात्राओं की 50 फीसद भागीदारी, अल्पसंख्यक, ओबीसी, एससी-एसटी को होगा प्रतिनिधित्व

-जिलाधिकारी उक्त योजना की निगरानी करेंगे और उच्च शिक्षा निदेशक प्रगति की मासिक समीक्षा

राज्य ब्यूरो, देहरादून

प्रदेश मे उच्च शिक्षा में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं अब डिग्री कालेजों में ही रोजगारपरक पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण ले सकेंगे। महकमे के महत्वाकांक्षी 'प्रोजेक्ट उत्कर्ष' को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद सरकार ने पीपीपी मोड में संचालित होने वाली योजना लागू करने की बाबत आदेश जारी कर दिया है। पहले चरण में अंग्रेजी भाषा में बोलने-लिखने की क्षमता समेत आठ विषयों में पाठ्यक्रम स्ववित्तपोषित मोड में संचालित होंगे।

पीपीपी मोड में प्रोजेक्ट उत्कर्ष को चलाने के लिए कालेज स्तर पर प्राचार्य की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी। समिति में बतौर सदस्य अंग्रेजी के वरिष्ठतम प्राध्यापक, जिलाधिकारी से नामित एसडीएम स्तर के अधिकारी, जिलाधिकारी से नामित वित्त या लेखा अधिकारी, कालेज में अध्ययनरत दो छात्र प्रतिनिधि (स्नातक द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत सर्वोच्च अंक प्राप्त) शामिल किए गए हैं। कालेज के वरिष्ठतम प्राध्यापक समिति के सदस्य सचिव होंगे। समिति यह तय करेगी कि कालेज में किन पाठ्यक्रम को संचालित किया जाए। साथ ही पाठ्यक्रम के लिए शुल्क का निर्धारण भी समिति ही करेगी। पाठ्यक्रम एक माह, तीन माह, छह माह से लेकर एक वर्ष के डिप्लोमा पाठ्यक्रम आधारित होंगे।

कालेज उक्त पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए जरूरी संसाधन और अवस्थापना सुविधाएं मुहैया कराएगा। गुणवत्तापरक पाठ्यक्रम पूरा कराने की जिम्मेदारी निजी संस्था की होगी। उच्च शिक्षा सचिव राधिका झा ने बताया कि दूसरे चरण में ऐसे पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे, जिनके लिए प्रयोगशाला उपकरण आदि की जरूरत हो। इसकी संचालन प्रक्रिया अलग से तय की जाएगी। पाठ्यक्रम किसी पंजीकृत संस्थान से मान्यताप्राप्त होने चाहिए। कालेज की समिति और निजी संस्था के बीच एमओयू होगा।

इनसेट-

प्रोजेक्ट उत्कर्ष के पहले चरण में ये पाठ्यक्रम होंगे संचालित:

अंग्रेजी भाषा संप्रेषण क्षमता, व्यक्तित्व विकास, कार्यालय प्रबंधन/सचिवीय पद्धति, डाटा एंट्री/कंप्यूटर टाइपिंग, उद्यमिता क्षमता विकास, नेतृत्व/टीम क्षमता विकास, रिटेल मार्केटिंग, अंतर-व्यक्तित्व कौशल एवं स्थानीय जरूरत के मद्देनजर रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रम।


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