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कुंभ घोटाले की सीबीआइ जांच की सिफारिश

जागरण संवाददाता, देहरादून: चार साल पहले हुए महाकुंभ के निर्माण कार्यों में बरती गई अनियमितता को लेकर

By Edited By: Published: Tue, 31 Mar 2015 08:23 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2015 08:23 PM (IST)
कुंभ घोटाले की सीबीआइ जांच की सिफारिश

जागरण संवाददाता, देहरादून: चार साल पहले हुए महाकुंभ के निर्माण कार्यों में बरती गई अनियमितता को लेकर सूचना आयोग ने सीबीआइ जांच की सिफारिश की। नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में 31 जुलाई 2010 तक अधूरे 54 निर्माण कार्यों के अवशेष 180.07 करोड़ रुपये की जो बात सामने आई थी, उसका हिसाब-किताब सूचना के अधिकार में सूचना आयोग के निर्देश के बाद भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा। शासन व कुंभ मेलाधिकारियों के रवैये से खिन्न राज्य सूचना आयुक्त अनिल कुमार शर्मा ने आदेश की प्रति इस आशय के साथ मुख्यमंत्री के सचिव को भिजवाई कि वह प्रकरण को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाएं, ताकि सीबीआइ जांच कराने की दिशा में सम्यक निर्णय लिया जा सके।

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हरिद्वार निवासी रमेश चंद्र शर्मा ने शहरी विकास विभाग से कुंभ मेले के विकास कार्यों के संदर्भ में कैग रिपोर्ट के बिंदुओं के आधार पर विभिन्न जानकारी मांगी थी। कैग ने 31 मार्च 2010 को समाप्त हुए वर्ष के लिए कुंभ मेले के कार्यों की जांच करते हुए पाया था कि 31 जुलाई 2010 तक 180.07 करोड़ रुपये के 54 कार्य अधूरे थे। साथ ही निर्माण व टेंडर संबंधी तमाम खामियां भी कैग रिपोर्ट में उजागर की गई थी। तय समय के भीतर सूचना न मिलने पर श्री शर्मा ने सूचना आयोग में अपील की। राज्य सूचना आयुक्त ने शहरी विकास विभाग के अधिकारियों व कुंभ मेलाधिकारी कार्यालय के विशेष कार्याधिकारी को तलब किया। आयोग की सख्ती के बाद भी यह जानकारी नहीं मिल पाई कि अवशेष 180.07 करोड़ रुपये कहां खर्च किए गए। यदि खर्च नहीं किए गए तो यह राशि कहां है, इस पर भी कोई जवाब नहीं मिल पाया।

अधिकारियों ने रवैये से नाराज आयुक्त श्री शर्मा ने कहा कि इतनी बड़ी राशि का हिसाब न तो सूचना का अधिकार अधिनियम में शासन दे रहा है, न ही मेलाधिकारी कार्यालय। आश्चर्य की बात यह कि शासन इस मामले की जांच कराना भी गवारा नहीं समझ रहा। जिसके बाद आयोग ने सीबीआइ जांच की सिफारिश करते हुए मुख्यमंत्री के सचिव को आदेश की प्रति भेज दी।

एनआरएचएम घोटाले पर भी आयोग ने लिया था संज्ञान

एनआरएचएम घोटाले में भी राज्य सूचना आयुक्त अनिल कुमार शर्मा ने सीबीआइ जांच की सिफारिश की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सीबीआइ जांच की संस्तुति कर दी थी। यह भी कम संयोग नहीं कि उस मामले की अपील भी रमेश चंद्र शर्मा ने ही सूचना आयोग में दायर की थी।


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