बेमौसमी बारिश के गेंहू को नुकसान
जागरण संवाददाता, विकासनगर: कई बार हो चुकी बेमौसमी बारिश से पछवादून में गेहूं की फसल पकने की अवधि में
जागरण संवाददाता, विकासनगर: कई बार हो चुकी बेमौसमी बारिश से पछवादून में गेहूं की फसल पकने की अवधि में करीब 15 दिन का फर्क पड़ गया है। अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक पकने वाली गेहूं की फसल इस बार अप्रैल अंतिम व मई प्रथम सप्ताह तक पककर तैयार होगी। बारिश के साथ तेज हवा से गेहूं की खड़ी फसल गिरने से उत्पादन में बीस प्रतिशत तक नुकसान हुआ है।
फरवरी व मार्च में कई बार बेमौसमी बारिश व तेज हवा से सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं किसानों को उठाना पड़ रहा है। पूरे जिले में गेहूं की खेती 11 हजार हेक्येयर क्षेत्रफल में होती है, जबकि पछवादून में चार हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की बुआई होती है। इस बार बेमौसमी बारिश ने किसानों का सारा बजट बिगाड़ दिया है। गेहूं की फसल के बूते किसी किसान को कर्ज चुकाना था तो किसी को लड़की के हाथ पीले करने थे, लेकिन अब फसल 15 दिन बाद तैयार होने से सारे काम पीछे करने पड़ेंगे। कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के वैज्ञानिक डॉ. संजय ¨सह का कहना है कि पछवादून में 80 प्रतिशत किसान समय पर गेहूं की बुआई करते हैं। अप्रैल के द्वितीय सप्ताह में फसल तैयार हो जाती थी, लेकिन इस बार बारिश व तेज हवा के कारण मौसम ठंडा होने से फसल 15 दिन देर से पकेगी। हवा से जिन किसानों के गेहूं गिर गए हैं, उन्हें बीस प्रतिशत तक नुकसान का अनुमान है, क्योंकि गेहूं गिरने पर दोबारा नहीं उठता। बार-बार बारिश के कारण फसलों में फफूंद फैलने का खतरा बढ़ जाता है। डॉ. संजय ¨सह के अनुसार बारिश के कारण वसंतकालीन गन्ने की बुआई भी एक माह पिछड़ गई है। वसंतकालीन गन्ने की बुआई मध्य फरवरी होती है, लेकिन फरवरी से बीच-बीच में हो रही बारिश के कारण बुआई इस बार एक माह देर से हुई। सरसों की फसल का उत्पादन भी प्रभावित हुआ है।