बारिश से पहाड़ में फायदा, मैदान में नुकसान
संवाद सूत्र, त्यूणी: मार्च की शुरुआत में हुई बारिश जहां पर्वतीय क्षेत्र में फलों के लिए फायदेमंद है।
संवाद सूत्र, त्यूणी: मार्च की शुरुआत में हुई बारिश जहां पर्वतीय क्षेत्र में फलों के लिए फायदेमंद है। वहीं, मैदानी क्षेत्र में गेंहू की फसल व फलों के लिए नुकसान देने वाली है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार पहाड़ में बारिश व बर्फबारी से फलों के उत्पादन में 20-30 फीसदी तक बढ़ोत्तरी की उम्मीद है, जबकि मैदानी इलाकों में गेंहू की फसल व आम-लीची उत्पादन पर बारिश से बुरा असर पड़ेगा।
कृषि-बागवानी पर निर्भर पर्वतीय क्षेत्र के ग्रामीण किसान व बागवानों के लिए मार्च की बारिश व बर्फबारी वरदान सरीखी है। पिछले तीन दिन से पहाड़ में लगातार हुई बारिश व बर्फबारी को खासतौर से पर्वतीय फलों के लिए फायदेमंद होने बताया जा रहा है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार मार्च में हुई बारिश व बर्फबारी के चलते पर्वतीय इलाकों में लंबे समय तक नमी रहेगी। मैदानी क्षेत्र की अपेक्षा पहाड़ में ग्रामीण किसान देर से गेंहू की बुआई करते हैं। बारिश के चलते पहाड़ में ग्रामीण किसानों की गेंहू की फसल अच्छी होगी, जबकि मटर की फसल को नुकसान होगा। वहीं, सेब, नाशपाती, खुमानी, पुलम, आड़ू, बादाम व अखरोट के उत्पादन में 20-30 फीसदी बढ़ोत्तरी की उम्मीद है। पर्वतीय क्षेत्र में मार्च के अंत में फ्लॉव¨रग की शुरू होती है। अप्रैल से मध्य जून तक फ्रूट डेवलपमेंट पीरियड यानी फल विकास अवधि के दौरान बगीचों में नमी की कमी के कारण फलों के विकास पर बुरा असर पड़ता है। शनिवार से सोमवार रात तक हुई बारिश व बर्फबारी के चलते पहाड़ में लंबे समय तक नमी रहेगी। नमी के संरक्षण से फलों के उत्पादन में इजाफा होगा। वहीं, मैदानी इलाकों में मार्च की बारिश से गेंहू की फसल व आम-लीची के उत्पादन पर बुरा असर होगा। मैदानी इलाकों में इन दिनों गेंहू में बाली आ चुकी है। ऐसे में बारिश से बीज की गुणवत्ता प्रभावित होगी। मैदानी क्षेत्र में आम-लीची के बाग में 40-50 फीसदी फ्लॉव¨रग हो चुकी है। बारिश से नमी से आम-लीची बाग में कीड़े व बीमारी का प्रकोप बढ़ेगा, जिससे फल उत्पादन प्रभावित होगा।
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मार्च की बारिश व बर्फबारी पर्वतीय फलों के लिए फायदेमंद है। इस बारिश से पहाड़ में गेंहू व सेब उत्पादन च्च्छा होगा, जबकि मटर को नुकसान होगा। बारिश से नुकसान मैदानी क्षेत्र के किसानों को है। जरूरत से ज्यादा नमी के कारण मैदान में गेंहू और आम-लीची का उत्पादन प्रभावित होगा।
डॉ. एसएस सिंह, वैज्ञानिक
कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी