सरकारी काम में हिंदी का प्रयोग हो अनिवार्य: निशंक
राज्य ब्यूरो, देहरादून: हरिद्वार सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में राष्ट्रभाषा का मुद्दा उ
राज्य ब्यूरो, देहरादून: हरिद्वार सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में राष्ट्रभाषा का मुद्दा उठाते हुए सरकारी कामकाज में हिंदी का प्रयोग अनिवार्य किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हिंदी को संविधान की मूलभाषा के अनुरूप राजभाषा के रूप में स्थापित कर संघ के शासकीय प्रयोजन के लिए अनिवार्य रूप से प्रयोग में लाए जाने के लिए कानून बनाया जाए।
बुधवार को लोकसभा में नियम 377 के अंतर्गत हुई चर्चा में श्री निशंक ने कहा कि भारतीय संविधान में हिंदी को आधिकारिक राजभाषा के रूप में मान्यता दी गई है साथ ही यह व्यवस्था की गई है कि 15 वर्ष तक राजकीय कार्य हेतु हिंदी का उपयोग किया जाएगा। दुर्भाग्य है कि आज तक स्थिति जस की तस बनी हुई है। आज हिंदी के उत्थान पर गंभीर प्रयासों का अभाव है। उन्होंने कहा कि जब विभिन्न देश अपनी भाषा को बढ़ावा दे रहे हैं तो हम अपनी भाषा के प्रति इतने उदासीन क्यों हैं।
लोकसभा में श्री निशंक ने उद्यमिता मंत्री से देश के दुर्गम, पहाड़ी और ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास केंद्रों व संस्थानों का नेटवर्क स्थापित करने का प्रश्न किया। उन्होंने इसके अलावा सरकार की ओर से विकास कार्यो में निजी क्षेत्र की भागीदारी एवं कार्यक्रमों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के विषय में जानकारी भी मांगी।
नहर निर्माण को केंद्रीय मंत्री से मिले निशंक
देहरादून: हरिद्वार सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती से हरिद्वार में कृषि सिंचाई के लिए 2007-08 से लंबित पड़ी 40 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण जल्द कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस नहर के निर्माण से बहादराबार, रुड़की व भगवानपुर क्षेत्र के सैकड़ों गांवों के किसानों को लाभ मिल सकेगा।
उन्होंने कहा कि लक्सर क्षेत्र के दर्जनों गांव जल भराव व खेतों में रेत आने से परेशान हैं। इसके लिए गंगा तट पर बसे 29 गांवों में किसानों के हितों को देखते हुए पक्के तटबंध बनाए जाने चाहिए, ताकि बरसात में बाढ़ के प्रकोप से उन्हें बचाया जा सके। उन्होंने हरिद्वार में गंगा नदी में जा रही सीवरेज लाइनों पर तत्काल रोक लगाने की मांग भी उठाई। साथ ही, अर्द्धकुंभ के मद्देनजर गंगा किनारे दस किलोमीटर दाये व बायें स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए जाएं।