'स्वच्छ ऊर्जा' से उम्मीदें रोशन
सुभाष भट्ट, देहरादून विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की चुनौती से जूझ रह
सुभाष भट्ट, देहरादून
विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की चुनौती से जूझ रही केंद्र सरकार ने आम बजट में बिजली उत्पादन में वृद्धि के उपाय तो जरूर किए, मगर पर्यावरण सुरक्षा को भी नजरअंदाज नहीं किया। ऊर्जा क्षेत्र में बेहतरी के लिए केंद्र सरकार की यह रणनीति उत्तराखंड के लिए भी उम्मीद की किरण है। खासतौर पर राज्य में जब बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं पर तलवार लटक रही हो, तब नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य 1.75 लाख मेगावाट करना और 4700 करोड़ के राष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा कोष की स्थापना उत्तराखंड में सूक्ष्म व लघु पनबिजली परियोजनाओं के भविष्य के लिए अच्छा अवसर माना जा रहा है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आम बजट में ऊर्जा क्षेत्र की उम्मीदों और पर्यावरण की सुरक्षा के बीच तालमेल बिठाने की कोशिश की है। स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में नई पहल करते हुए जहां राष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा कोष के लिए 4700 करोड़ का प्रावधान किया, वहीं 2022 तक के लिए नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 1.75 लाख मेगावाट तक पहुंचाने का संशोधित लक्ष्य भी तय किया है। केंद्र की इस रणनीति को बड़े बांधों व बिजली परियोजनाओं पर पर्यावरणीय कारणों से आ रही अड़चनों के वैकल्पिक उपाय के तौर पर देखा जा रहा है।
बहरहाल, कारण जो भी हो, हिमालयी राज्य उत्तराखंड के लिए यह एक सुनहरा अवसर साबित हो सकता है। बशर्ते, राज्य सरकार इस मौके का लाभ उठाने के लिए ठोस रणनीति से काम कर सके। दरअसल, बिजली की भारी किल्लत से जूझ रहे उत्तराखंड में तीन बड़े हाइड्रो प्रोजेक्ट बंद किए जा चुके हैं, जबकि 24 परियोजनाओं का भविष्य भी अधर में है। ऐसे में सूक्ष्म और लघु जलविद्युत परियोजनाओं के आवंटन के लिए राज्य सरकार ने हाल में ही नई ऊर्जा नीति बनाई है।
नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के लिए 2022 तक निर्धारित 1.75 लाख मेगावाट के लक्ष्य में लघु पनबिजली के लिए भी पांच हजार मेगावाट का लक्ष्य शामिल है। साथ ही, सौर ऊर्जा के लिए सर्वाधिक एक लाख मेगावाट का लक्ष्य तय किया गया है। लघु पनबिजली प्रोजेक्ट के लिए बेहतर संभावनाओं वाले उत्तराखंड के लिए यह बेहतर अवसर से कम नहीं है। साथ ही, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी उत्तराखंड को अधिक वित्तीय मदद मिलने की उम्मीद की जा सकती है।
इनसेट..
2022 तक रिन्यूएबल एनर्जी का लक्ष्य..
क्षेत्र क्षमता
सौर ऊर्जा 100000 मेगावाट
पवन ऊर्जा 60000 मेगावाट
बायोमास 10000 मेगावाट
लघु पनबिजली 5000 मेगावाट
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कुल लक्ष्य 175000 मेगावाट
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इनसेट..
4103 तोक भी होंगे रोशन
केंद्र सरकार ने आम बजट में दीनदयाल ग्राम्य ज्योति योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के विद्युतीकरण के लिए 4230 करोड़ का प्रावधान किया है। उत्तराखंड में वर्तमान में 79 गांव ऐसे हैं, जो अब तक पावर ग्रिड से तो नहीं जुड़ पाए, मगर इन गांवों में उरेडा के लिए विद्युत आपूर्ति की जा रही है। अलबत्ता, 4103 तोक (मजरे) जरूर अब तक अंधकार में हैं। राज्य के ऊर्जा निगम की ओर से इन गांवों को रोशन करने के लिए केंद्र सरकार को दीनदयाल ग्राम्य ज्योति योजना के तहत प्रस्ताव भेजा गया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि आम बजट में इस योजना के लिए बजट का प्रावधान किए जाने के बाद अब राज्य के 4103 तोकों को रोशन करने की राह खुल सकती है।