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डेढ़ करोड़ खर्च, मंडी फिर भी गंदी

जागरण संवाददाता, देहरादून: शहर की सब्जी मंडियों का कूड़ा निस्तारित करने को निरंजनपुर मंडी में डेढ़ कर

By Edited By: Published: Sun, 01 Feb 2015 09:51 PM (IST)Updated: Mon, 02 Feb 2015 04:37 AM (IST)
डेढ़ करोड़ खर्च, मंडी फिर भी गंदी

जागरण संवाददाता, देहरादून: शहर की सब्जी मंडियों का कूड़ा निस्तारित करने को निरंजनपुर मंडी में डेढ़ करोड़ रुपये खर्च कर संयंत्र तो लगा दिया गया, लेकिन मंडिया अब भी गंदी हैं। न कूड़े से जैविक खाद बनाने की योजना परवान चढ़ पा रही है, न ही मंडियों से कूड़ा साफ हो रहा है। निरंजनपुर सब्जी मंडी हो या शहर की अन्य सब्जी मंडियां, सभी गंदगी के ढेर से अटी पड़ी हैं, जिस कारण यहां पैर रखना तक दूभर है। इन दिनों निरंजनपुर मंडी परिसर का कूड़ा भले इस संयंत्र में निस्तारित होने लगा हो, लेकिन शहर की अन्य सब्जी मंडियों का कूड़ा अब भी संयंत्र तक नहीं पहुंच रहा। करीब आठ माह बीत जाने के बाद भी न तो मंडी समिति ने इस ओर ठोस कदम उठाए, न नगर निगम ने।

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शहर में थोक की बड़ी फल-सब्जी मंडी निरंजनपुर में है, जबकि फुटकर सब्जी मंडी मोती बाजार, तहसील, धर्मपुर, डीएल रोड, गढ़ीकैंट व लालपुल पर हैं। फल-सब्जी खरीदने वाला हर व्यक्ति इन मंडियों की हालत से वाकिफ है। गंदगी का आलम यह है कि नाक-मुंह पर रुमाल या हाथ रखे बिना खरीदारी करना मुमकिन नहीं। वहीं, कीचड़ से कपड़े मैले हो जाना भी आम बात है। इस समस्या से निजात दिलाने और मंडियों के कूड़े का निस्तारण करने के लिए मंडी समिति निरंजनपुर ने पिछले साल अप्रैल में आर्गेनिक वेस्ट कन्वर्टर संयंत्र स्थापित किया था। लगभग डेढ़ करोड़ रुपये खर्च कर समिति ने दावा किया था कि इस संयंत्र से मंडी परिसर और शहर की बाकी सब्जी मंडियों का कूड़ा निस्तारित कर जैविक खाद बनाई जाएगी। तर्क था कि इससे मंडी परिसर और सब्जी मंडिया साफ-सुथरी रहेंगी, मगर ऐसा हुआ नहीं।

पहले करीब तीन माह तक संयंत्र ट्रायल पर चला और बामुश्किल 40 टन खाद तैयार की जा सकी। लेकिन, समिति खाद की बिक्री को प्रचार-प्रसार के लिए न तो किसानों के पास गई, न ही कोई गोष्ठी आदि आयोजित की। शहर की बाकी सब्जी मंडियों का कूड़ा भी संयंत्र तक लाने का प्रयास नहीं किया गया। नतीजा, जैविक खाद बनाने की मशीनें शोपीस बनकर रह गईं। यही नहीं, जिस मुख्य मंडी परिसर से गंदगी दूर करने को योजना शुरू हुई थी, उसके हालात भी जस के तस हैं। इस समय मंडी परिसर में लगे कूड़े के ढेर इस बात की गवाही दे रहे हैं कि मंडी समिति ने सफाई के नाम पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये बर्बाद कर डाले।

मंडियों में रोजाना एकत्र होता है 15 मीट्रिक टन कूड़ा

शहर की पांच सब्जी मंडी मोती बाजार, तहसील, धर्मपुर, डीएल रोड, गढ़ीकैंट व लालपुल में रोजाना करीब 15 मीट्रिक टन कूड़ा एकत्र होता है। अगर इसमें से आधा भी निरंजनपुर मंडी स्थित संयंत्र में पहुंचा दिया जाता तो मंडियों को गंदगी से काफी निजात मिल सकती थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वर्तमान में मंडियों का कुछ कूड़ा नगर निगम उठा रहा है, जिसे ट्रेंचिंग ग्राउंड में डाला जा रहा है।

रोजाना 10 मीट्रिक टन कूड़े का होता निस्तारण

'आर्गेनिक वेस्ट कन्वर्टर' से रोजाना 10 मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण हो सकता है। इससे बनने वाली जैविक खाद भी खेती के लिए बेहद मुफीद रहती। इस खाद की जांच दिल्ली की एक प्रतिष्ठित लैब से कराई जा चुकी है। उस रिपोर्ट में बताया गया था कि खाद में पोषक तत्व फास्फेट, नाइट्रोजन समेत पोटेशियम की मात्रा अन्य खाद से पांच गुना अधिक है। यह कृषि के लिए बेहद लाभदायक बताई गई थी।

पांच रुपये प्रति किलो की दर से बिकती खाद

संयंत्र से तैयार जैविक खाद का शुल्क मंडी समिति ने पांच रुपये प्रति किलो तय किया था। इससे यह हाथों-हाथ बिकती, लेकिन किसानों के बीच प्रचार-प्रसार न होने से इतनी कम कीमत में भी इस खाद का कोई खरीदार नजर नहीं आ रहा।

तीन मंडियों से कूड़ा लाने की तैयारी

मोतीबाजार, तहसील चौक और धर्मपुर सब्जी के जैविक कूड़े को अब निरंजनपुर मंडी लाकर खाद बनाने की तैयारी की जा रही है। तीन दिन पहले ही मंडी समिति ने इस दिशा में प्रयास शुरू किए। समिति ने मुख्य नगर अधिकारी से वार्ता कर मोती बाजार, तहसील चौक व धर्मपुर की मंडियों का जैविक कूड़ा मंडी समिति को देने को कहा है।

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आर्गेनिक वेस्ट कन्वर्टर से तैयार खाद कृषि भूमि के लिए लाभदायक है। क्योंकि, इसमें भूमि के लिए लाभदायक तत्वों की मात्रा बहुत अधिक है। हम प्रयास कर रहे हैं कि शहर की सभी सब्जी मंडियों से इस संयंत्र में कूड़ा पहुंचाया जाए। इसका लाभ शहर को ही मिलेगा।

दिग्विजय सिंह देव, सचिव, मंडी समिति


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