अर्द्ध सैनिकों से फिर फेरी निगाह
जागरण संवाददाता, देहरादून: सरकार अर्द्ध सैन्य बलों के रिटायर्ड जवानों को सेना के समान सुविधाएं देने
जागरण संवाददाता, देहरादून: सरकार अर्द्ध सैन्य बलों के रिटायर्ड जवानों को सेना के समान सुविधाएं देने संबंधी तमाम दावे करती है, पर सच कुछ और ही है। अब सीएसडी कैंटीन के माध्यम से वाहन खरीदने पर सेल्स टैक्स की छूट का ही उदाहरण लीजिए। इस छूट का लाभ अर्द्ध सैनिकों व उनके आश्रितों को नहीं मिल रहा। इस सुविधा पर अचानक 'ब्रेक' लग गया है।
सेना के सेवानिवृत्त सैनिकों की तरह असम राइफल्स व अन्य अर्द्ध सैन्य बलों के रिटायर्ड सैनिकों के लिए सीएसडी कैंटीन से सामान व लिक्कर लेने की सुविधा तीन वर्ष पूर्व शुरू की गई थी। इस संबंध में रक्षा व गृह मंत्रालय के बीच सहमति बनी थी। अर्द्ध सैन्य बलों के सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए भी स्मार्ट कार्ड बनाए गए। इसके तहत उन्हें दुपहिया व चौपहिया वाहन खरीदने पर सेल्स टैक्स में छूट का भी लाभ दिया जाना था। वर्ष 2011 में सरकार ने इस संबंध में शासनादेश भी जारी किया। सैनिक बोर्ड से सत्यापन के बाद सेवानिवृत्त सैनिकों को वाहन खरीद में सेल्स टैक्स की छूट मिलती है। जबकि, असम राइफल्स के पूर्व सैनिकों के सत्यापन की जिम्मेदारी असम राइफल्स पूर्व सैनिक वेल्फेयर एसोसिएशन को दी गई है।
रक्षा मंत्रालय के अधीन क्वाटर मास्टर जनरल ब्रांच के डिप्टी डायरेक्टर जनरल द्वारा 28 जून 2011 को असम राइफल्स के महानिदेशक को जारी पत्र में साफ कहा गया था कि राज्यों में सेंट्रल पुलिस कैंटीन खुलने तक असम राइफल्स के सेवानिवृत्त सैनिकों को भी सेवानिवृत्त सैनिकों की तरह सीएसडी कैंटीन की पूरी सुविधाएं मिलेंगी। मगर, पिछले कुछेक महीने से असम राइफल्स व अन्य अर्द्ध सेना के रिटायर जवानों और उनके आश्रितों को सीएसडी कैंटीन के मार्फत वाहन खरीदने में मनाही की जा रही है। जबकि, कई पूर्व अर्द्ध सैनिक इसका लाभ ले चुके हैं।
'असम राइफल्स के 50 से भी ज्यादा पूर्व सैनिक सीएसडी कैंटीन के मार्फत दुपहिया व चौपहिया वाहन खरीद चुके हैं। उन्हें सेल्स टैक्स में छूट भी मिली। मगर, कुछ माह से आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं। इसकी शिकायत उत्तराखंड सब एरिया मुख्यालय में की गई है।'
-कैप्टन (सेनि) अमर सिंह गुसाई, अध्यक्ष, असम राइफल्स पूर्व सैनिक वेल्फेयर एसोसिएशन