किसका कनेक्शन, किसको सब्सिडी
जागरण संवाददाता, देहरादून: डॉयरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ऑफ एलपीजी (डीबीटीएल) लागू करने की तेल कंपनी-गैस
जागरण संवाददाता, देहरादून: डॉयरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ऑफ एलपीजी (डीबीटीएल) लागू करने की तेल कंपनी-गैस एजेंसियों की जल्दबाजी व मनमानी उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रही है। इसी की बानगी है कि एक उपभोक्ता का आधार कार्ड और बैंक खाता दूसरे उपभोक्ता के गैस कनेक्शन से जोड़ दिया गया। जिससे, कनेक्शन वाले उपभोक्ता के हिस्से की सब्सिडी दूसरे उपभोक्ता के खाते में चली गई। अब उपभोक्ता अपने पैसे वापस लेने को कंपनी के दफ्तर के चक्कर काट रहा है।
दीपनगर निवासी जोगेंद्र सिंह ने बताया कि उनका गैस कनेक्शन इंडियन ऑयल कंपनी की हिमानी गैस एजेंसी से है। लेकिन, उन्होंने अब तक डीबीटीएल फार्म नहीं भरा। गैस बुक कराने के बाद गत आठ जनवरी को जब वह पर्ची कटवाने एजेंसी पहुंचे तो उन्हें 755 रुपये की पर्ची थमा दी गई। पर्ची में लिखा था कि उनकी सब्सिडी आधार नंबर के जरिए बैंक खाते में पहुंच गई। डीबीटीएल न कराने के बावजूद कटी पर्ची देखकर वह दंग रह गए। मामले में दिशा परिवर्तन संस्था ने आइओसी के दफ्तर पहुंचकर शिकायत की। कनेक्शन की जांच में पता चला कि जोगेंद्र सिंह का कनेक्शन दूसरे उपभोक्ता लक्ष्मी नेगी के आधार कार्ड व बैंक खाते से लिंक हो गया। इतना ही नहीं, जोगेंद्र सिंह की गैस सब्सिडी (568 व 301 रुपये) भी लक्ष्मी नेगी के केनरा बैंक खाते में पहुंच गई। दून में ऐसे बीसियों उपभोक्ता हैं, जो जिम्मेदारों की इस लापरवाही के कारण सब्सिडी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। लेकिन, उपभोक्ताओं की इस परेशानी से कंपनी या एजेंसी को कोई सरोकार नहीं।
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'सॉफ्टवेयर की दिक्कत के कारण ऐसा हुआ होगा। उक्त उपभोक्ता को एक पत्र लिखना होगा, जिससे उसका खाता कनेक्शन से जुड़ जाएगा। सब्सिडी दूसरे उपभोक्ता के खाते में पहुंचने से पहले फेल हो जाएगी।'
-चमनलाल, अध्यक्ष, दून एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन