डॉक्टर के केबिन में केमिस्टों का डेरा
जागरण संवाददाता,देहरादून: दून अस्पताल में कुछ चिकित्सकों और दवा विक्रेताओं के बीच सांठगांठ चल रही है
जागरण संवाददाता,देहरादून: दून अस्पताल में कुछ चिकित्सकों और दवा विक्रेताओं के बीच सांठगांठ चल रही है। कई केमिस्ट और एमआर दिनभर इन चिकित्सकों के कमरे में डेरा डाले रहते हैं। या यूं कहें कि डॉक्टर साहब के 'निजी-सहायक' बन गए हैं। चिकित्सकों के चाय-पानी से लेकर मरीज दिखाने तक में इनका दखल रहता है। इसका ईनाम उन्हें मरीज को उनकी दुकान पर भेज या उनकी दवा पर्चे पर लिखकर दिया जाता है। वहीं, अस्पताल प्रशासन यह सब जानते हुए भी इससे अंजान बना हुआ है।
दून अस्पताल में देहरादून ही नहीं, बल्कि आसपास के क्षेत्रों से भी लोग इलाज के लिए आते हैं। पड़ोसी राज्यों से भी कई मरीज यहां पहुंचते हैं। ऐसे में आसपास के कई केमिस्टों और एमआर की निगाह अस्पताल पर रहती है। ये लोग दिनभर अस्पताल में डेरा डाले रहते हैं। कुछ चिकित्सकों से तो इन केमिस्टों और एमआर ने सांठगांठ भी कर रखी है। उक्त चिकित्सकों के कमरे के बाहर मरीज के पर्चे पकड़ने से लेकर चिकित्सक के सत्कार तक में वह कसर नहीं छोड़ते। कमीशन के फेर में डॉक्टर साहब भी मरीज को इनकी दुकान पर भेजने या कंपनी की दवा लिखने से परहेज नहीं करते। इसकी भनक अस्पताल प्रशासन को भी है। कई बार अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक ने चिकित्सकों को चेतावनी भी दी, मगर चिकित्सकों पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा। इसका खामियाजा मरीज को उठाना पड़ता है। वहीं, अस्पताल प्रशासन अब फिर एक बार ऐसे चिकित्सकों पर लगाम कसने की बात कह रहा है।
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केमिस्ट या एमआर चिकित्सक के केबिन में नहीं बैठ सकते। अस्पताल टाइम में तो बिलकुल नहीं। पूर्व में चिकित्सकों को चेतावनी दी गई थी। यदि कोई निर्देशों का पालन नहीं करता तो कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. आरएस असवाल, प्रमुख अधीक्षक, दून अस्पताल