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कृषि विकास योजना में होंगे करोड़ों के कार्य

राज्य ब्यूरो, देहरादून राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत बागवानी समितियों को निर्यात की सुविधाएं उ

By Edited By: Published: Thu, 29 Jan 2015 01:09 AM (IST)Updated: Thu, 29 Jan 2015 01:09 AM (IST)
कृषि विकास योजना में होंगे करोड़ों के कार्य

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत बागवानी समितियों को निर्यात की सुविधाएं उपलब्ध कराने कराने के लिए देहरादून और बागेश्वर में 1.37 करोड़ रुपये की लागत से इनपुट सेंटर बनाए जाएंगे। सभी जिलों में फल और मसलों के बीजों के वितरण के लिए 3.05 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इससे लगभग 1660 हेक्टेयर क्षेत्रफल में खेती और 3137 मीट्रिक टन सब्जियों और फल के उत्पादन होने की संभावना है। माना जा रहा है कि इससे प्रदेश के 10,000 किसान लाभान्वित हो सकेंगे।

बुधवार को मुख्य सचिव एन रविशंकर की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) की राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति की बैठक में यह जानकारी दी गई। बैठक में श्री रविशकर ने कहा कि राज्य में फल, फूल सब्जी, मसाले, औषधीय और सगंध पौधों की खेती को बढ़ावा देकर गावों में लोगों की आमदनी बढ़ाई जा सकती है। बैठक में बताया गया कि योजना के अंतर्गत 26.67 करोड़ रुपये से चयनित ब्लाकों में पूर्ण रूप से आर्गनिक खेती की जाएगी। 8.04 करोड़ रुपये से उत्तरकाशी, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, चमोली, और पिथौरागढ़ जिलों में चार शहतूत और एक मूंगा क्लस्टर बनाया जाएगा। 6.65 करोड़ रुपये से सूक्ष्म डेयरी इकाईया बनाई जाएंगी। इससे गावों में उच्च प्रजाति की गायों और भैंसों के पालन को बढ़ावा दिया जा सकेगा।

आरकेवीवाई के तहत 2.91 करोड़ रुपये से अगस्त्यमुनि व रुद्रप्रयाग में मंडी यार्ड बनाया जाएगा। साथ ही 4.16 करोड़ रुपये से हरिद्वार में मछली बाजार, 2.79 करोड़ रुपये से नई मंडी में केला पकाने का चैंबर बनाया जाएगा। ऊधमसिंह नगर जिले में 4.18 करोड़ रुपये से 5000 मीट्रिक टन क्षमता का गोदाम व रुद्रपुर में 4.35 करोड़ रुपये से फूल संग्रहण बाजार बनाया जाएगा। उत्तरकाशी के झाला और हर्षिल में 2.84 करोड़ रुपये से फल संग्रहण केंद्र और ग्रेडिंग यूनिट की स्थापना की जाएगी। ऊधमसिंहनगर में 2.79 करोड़ रुपये से केला पकाने का चैंबर मंडी परिषद द्वारा बनाया जाएगा। कृषि विभाग 23.97 करोड़ रुपये से कृषि तंत्र को बढ़ावा देगा। इसके तहत किसानों को आधुनिक उपकरण दिए जाएंगे। 2.50 करोड़ रुपये से किसान महोत्सव का आयोजन और 2.30 करोड रुपये से चावल और तिलहन बीज वितरण कार्यक्रम चलाया जाएगा। 53.71 करोड़ रुपये से जंगली जानवरों से कृषि भूमि और फसल की रक्षा के लिए व्यवस्था की जाएगी। 2.13 करोड़ रुपये से देहरादून में फूल बीज और पौध रोपण किया जाएगा। 7.56 करोड़ रुपये से राज्य के सभी कृषि विज्ञान केंद्रो को सामुदायिक रेडियो से जोड़ा जाएगा। 6.73 करोड़ रुपये से जीबी पंत विश्वविद्यालय में एडवांस सेंटर बनाया जाएगा। 4.13 करोड़ रुपये की लागत से पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों में औषधीय और संगध पादपों का विकास किया जाएगा। 33.66 करोड़ रुपये से उन्नतिशील प्रजाति के बीजों को बढ़ावा दिया जाएगा।

बैठक में प्रमुख सचिव कृषि एस रामास्वामी, संयुक्त सचिव कृषि भारत सरकार आशीष कुमार भूटानी, डीएम ऊधमसिंहनगर पंकज पांडेय, निदेशक कृषि सीएस मेहरा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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