कम बजट खर्च पर बिफरे मुख्यमंत्री
राज्य ब्यूरो, देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अनुसूचित जाति उपयोजना (एससीएसपी) व अनूसूचित जनजाति
राज्य ब्यूरो, देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अनुसूचित जाति उपयोजना (एससीएसपी) व अनूसूचित जनजाति उपयोजना (टीएसपी) के अंतर्गत स्वीकृत बजट का सदुपयोग न होने पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने बजट खर्च की गति बढ़ाने के लिए विभागीय अफसरों को न केवल एक महीने की मोहलत दी, बल्कि खर्च की रफ्तार न बढ़ने पर संबंधित महकमे के विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
मंगलवार को उपयोजनाओं में बजट खर्च की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अफसरों को जमकर खरीखोटी सुनाई। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव व अपर मुख्य सचिव को वनराजी व बोक्सा जनजाति के लिए उक्त उपयोजना में अलग से धनराशि प्रावधान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एससी व एसटी क्षेत्रों के लक्ष्य निर्धारित करते हुए योजनाएं तैयार करते हुए बजट प्रावधान हो। वनराजी जनजाति को भूमि व आवास की व्यवस्था और बोक्सा जनजाति की शिक्षा व दक्षता विकास के लिए बजट प्रावधान किया जाए। लोक निर्माण विभाग एससी या एसटी की 25 फीसद या मैदानी क्षेत्रों में 400 व पहाड़ों में सौ जनसंख्या वाले गांवों को सड़क मार्ग से जोडे़।
सिंचाई विभाग की खराब प्रगति पर कड़ी नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि एआईबीपी की योजनाओं में एससी-एसटी क्षेत्रों को अधिक लाभ दें। भगवानपुर व पिथौरागढ़ में बाबा साहब अंबेडकर मेडिकल कालेज की स्थापना में तेजी लाई जाए। पंचायतीराज विभाग एससी, एसटी व वाल्मीकि बहुल गांवों में बारात घर बनाए। शहरी विकास विभाग जयानंद भारती पार्क की स्थापना व सौंदर्यीकरण का काम तेज करे। उन्होंने जनजाति उपयोजना के तहत चाल-खाल, मेरा पेड़ मेरा धन, सूअर रोधी दीवार के लिए 25 करोड़ रुपये वन विभाग को देने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि उरेडा के जरिए इन क्षेत्रों का चिन्हीकरण कर स्ट्रीट लाइटें स्थापित की जाएं। उद्यान विभाग हार्टीकल्चर मिशन के अलावा एससी व एसटी के लिए अलग से पॉली हाउस व नलकूप संबंधी योजनाएं बनाएं। संस्कृति विभाग गढ़वाल व कुमाऊं मंडल में दो प्रशिक्षण केंद्र बनाए, जिनमें एससी व एसटी कलाकारों को प्रशिक्षण दिया जाए। कल्चरल हैरिटेज ब्लॉक भी विकसित किए जाएं, जहां वास्तुकला को संरक्षित किया जा सके। बैठक में मुख्य सचिव एन रविशंकर, अपर मुख्य सचिव एस राजू, प्रमुख सचिव खाद्य राधा रतूड़ी, सचिव ऊर्जा उमाकांत पंवार, सचिव तकनीकी शिक्षा आरके सुधांशु, सचि ग्राम्य विकास विनोद फोनिया आदि मौजूद थे।
इनसेट..
इनमें 25 फीसद तक खर्च.
सिंचाई, खाद्य, प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा, उच्च शिक्षा, पेयजल, पंचायती राज व कृषि विभाग।
इनमें 25 से 50 फीसद खर्च.
नगर विकास, वन, ऊर्जा, ग्राम्य विकास, चिकित्सा शिक्षा, उद्यान एवं रेशम, युवा कल्याण, उद्योग, पशुपालन, एलौपैथिक, कला एवं संस्कृति, आयुष, समाज कल्याण व माध्यमिक शिक्षा।
इनमें 50 से 100 फीसद खर्च.
लोनिवि, सहकारिता, लघु सिंचाई, बेसिक शिक्षा, खेल, दुग्ध विकास, मत्स्य, श्रम एवं सेवायोजन, सूचना, आईसीडीएस, परिवहन, गन्ना विकास।