हो सके तो एक दीया शहीदों के नाम जलाना
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: हृषिकेश वसंतोत्सव के अंतिम दिन कवि सम्मेलन में कवियों ने श्रोताओं को खूब गु
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: हृषिकेश वसंतोत्सव के अंतिम दिन कवि सम्मेलन में कवियों ने श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। प्रख्यात कवियों ने अपनी रचनाओं से व्यवस्था पर तंज ही नहीं कसे, बल्कि देश के लिए शहादत देने वालों को भी नमन किया।
पुराना बस अड्डा स्थित आयोजन स्थल में कवि सम्मेलन का उद्घाटन उपस्थित कवियों सहित मेला समिति के अध्यक्ष व पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा, संयोजक हर्षवर्धन शर्मा व सचिव विनय उनियाल ने संयुक्त रूप से किया। युवा कवियत्री डॉ. श्यामा तिवारी ने मां शारदा को समर्पित काव्य रचना प्रस्तुत कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। नई दिल्ली से आई डॉ. सरिता शर्मा ने होली, दीवाली, ईद मिलकर मनाना हो सके तो एक दीया देश के शहीदों के नाम जलाना. प्रस्तुत कर शहीदों को नमन किया। मथुरा से आए मनवीर माथुर ने मां बाप की खुशी में तन भी बसंत मन भी बसंत.., विनीत पांडेय दिल्ली ने भाजपा सदस्यता इस प्रकार चल रही है कि ओबामा भी भारत छोड़ने से पहले सदस्यता न ले लें. कविता प्रस्तुत कर तालियां बटोरी। चरणजीत चरण फरीदाबाद ने वर्तमान राजनीतिक हालात पर अपनी रचना मोदी ने विरोधियों को ऐसा डंडा दिया साइकिल टूटी हाथी ने अंडा दिया..प्रस्तुत की। देशभक्तों को समर्पित उनकी प्रस्तुति पाक कहे पूरा कश्मीर लेंगे, लेकिन पूरा तो हमारे पास भी नहीं. व शत शत नमन उन शहीदों को जिनके गुबार ने देश को गुलामी से उबार दिया, नमन उन शहीदों को जिनको नाम न मिला न खिताब मिला गुमनाम मिला.. श्रोताओं ने खूब सराही। राजस्थान के कवि भगवान मकरंद ने भला हुआ जो राम कहानी हो गए पुराने जमाने में.., पानीपत के कवि योगेंद्र मुदगल ने न उत्पात न दंगा चाहिए हमें भाई का प्यार न भूखा न नंगा चाहिए.. सीमा पर न कोई पंगा केवल घर-घर तिरंगा चाहिए.. कविता प्रस्तुत की। दिल्ली से आए उदय शंकर श्रीवास्तव ने गांधी केनाम पर हो रही राजनीति पर तंज कसते हुए भारत के सम्मान गांधी दीवार पर नोट पर गांधी, मजबूरी का नाम गांधी, वोट पर गांधी, लेकिन जनमानस से दूर गांधी.. कविता प्रस्तुत की। इस दौरान एसबीएम इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डीबीपीएस रावत, रवि शास्त्री, प्यारे लाल जुगलान, अनीता वशिष्ठ, विमला रावत, सरोज डिमरी, रंजन अंथवाल आदि उपस्थित थे।
भूरा व योगेंद्र पहलवान ने आकर्षण बटोरा
वसंतोत्सव में आयोजित स्व. कमल नारायण मिश्र स्मृति दंगल प्रतियोगिता में सबसे बड़ी कुश्ती पानीपत के पहलवान उमेश ने जीती। एसबीएम पब्लिक स्कूल झंडा चौक में आयोजित दंगल के फाइनल में कुल 28 कुश्ती लड़ी गई। इसमें मेरठ के भूरा पहलवान ने सर्वाधिक जीत हासिल की। सबसे बड़ी इनामी कुश्ती पानीपत के उमेश ने सीआरपीएफ दिल्ली के योगेंद्र को हराकर जीती। अन्य इनामी कुश्ती में मेरठ के प्रवीन को दिल्ली के योगेंद्र ने, मेरठ के बाबर को पानीपत के उमेश ने हराया। प्रतियोगिता में 37 पहलवानों ने भाग लिया। कुश्ती में भूरा पहलवान व योगेंद्र पहलवान आकर्षण का केंद्र बने रहे। समापन अवसर पर कुश्ती आयोजन समिति के सदस्य शिवमोहन मिश्र, ललित मोहन मिश्र, सुयोग्य मिश्रा, कमला प्रसाद भट्ट, रामकृपाल गौतम, डा. भारत भूषण पांडेय, मनोज सेठी आदि उपस्थित थे। राम प्रसाद भारद्वाज व जय प्रकाश नारायण कुश्ती के रेफरी थे।