भूमि की मांग के लिए 1275 ने दी गिरफ्तारी
ज ागरण संवाददाता, ऋषिकेश: नया आबाद ग्रांट एक्ट के तहत पात्र परिवारों को भूमि के पट्टे देने की मांग क
ज ागरण संवाददाता, ऋषिकेश: नया आबाद ग्रांट एक्ट के तहत पात्र परिवारों को भूमि के पट्टे देने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे 1275 लोगों ने स्वैच्छिक गिरफ्तारी दी, जिन्हें तभी रिहा कर दिया गया।
रेलवे स्टेशन परिसर में पिछले 45 दिन से 180 वर्ग गज भूमि के पट्टे आवंटित करने की मांग को लेकर आंदोलनरत बेघरों ने रविवार को पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय परिसर में डेरा डाला। पूरे दिन यहां नारेबाजी के साथ भजन व देशभक्ति गीत चलते रहे। शाम को करीब सात बजे गिरफ्तारी की मांग पर अडे़ इन लोगों की उप जिलाधिकारी संतोष कुमार पांडेय की मौजूदगी में स्वैच्छिक गिरफ्तारी की गई। इस दौरान गिरफ्तार किए गए 1275 लोगों को मौके पर ही मुक्त कर दिया गया। इस दौरान सेवादल के प्रदेश संगठन मंत्री विजयपाल सिंह रावत के साथ गिरफ्तार देने वाले लोगों ने पुलिस उपाधीक्षक के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। उसमें नया आबाद ग्रांट एक्ट के तहत भूमिहीन, बीपीएल और दलितों को भूमि के पट्टे आवंटित करने की मांग की। इस दौरान सुमित चौधरी, हर्षपति कुलियाल, अवतार सिंह, देवी प्रसाद व्यास, किरन नेगी, सोहन सिंह रौतेला, जमुना देवी, सीमा सचदेवा आदि उपस्थित थे।
सीओ के बंद कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन
भूमि आवंटन की मांग को लेकर कांग्रेस सेवादल के पदाधिकारी जिस एक्ट के तहत जमीन की मांग कर रहे हैं वह मामला सीधे-सीधे राज्य सरकार से जुड़ा है। सेवादल कांग्रेस का ही सहयोगी संगठन है। ऐसे में मौके पर मुख्यमंत्री जिंदाबाद के नारे लगते देख अधिकारी समझ नहीं पा रहे थे कि यह आंदोलन किसके खिलाफ है। रविवार को पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय बंद रहता है। बावजूद इसके गिरफ्तारी व आंदोलन के लिए उपाधीक्षक कार्यालय परिसर को चुना गया। पूरे दिन पुलिस व प्रशासन यह सोचकर परेशान था कि जब सब कुछ शांतिपूर्ण चल रहा है तब गिरफ्तारी किस आधार पर की जाए। वैसे भी इस मांग को लेकर आंदोलनकारी सांकेतिक गिरफ्तारी दे चुके हैं।
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आंदोलनकारियों की जो मांग है वह पुलिस से संबंधित नहीं है। पुलिस का काम शांति व्यवस्था देखना है। ऐसे में सीओ कार्यालय परिसर में अवकाश के दौरान प्रदर्शन व गिरफ्तारी का औचित्य समझ से परे है।
हरबंस सिंह, पुलिस उपाधीक्षक ऋषिकेश
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जिस न्यू आबाद ग्रांट के तहत भूमि की मांग की जा रही है। ऐसा कोई एक्ट प्रशासन के संज्ञान में नहीं है। इंदिरा आवास व अन्य योजनाओं के माध्यम से सरकार पात्र लोगों को भूमि व आवास देती आई है। इसके अतिरिक्त भूमि आवंटन की नीति का अधिकार प्रशासन नहीं शासन के पास है।
-संतोष कुमार पांडेय, उप जिलाधिकारी ऋषिकेश