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फड़-ठेली वालों के साथ 'सरकार'

जागरण संवाददाता, देहरादून: मलिन बस्तियों के बाद अब 'सरकार' फड़-ठेली वालों के साथ भी खड़ी हो गई है। राज

By Edited By: Published: Mon, 22 Dec 2014 09:36 PM (IST)Updated: Tue, 23 Dec 2014 04:41 AM (IST)
फड़-ठेली वालों के साथ 'सरकार'

जागरण संवाददाता, देहरादून: मलिन बस्तियों के बाद अब 'सरकार' फड़-ठेली वालों के साथ भी खड़ी हो गई है। राजपुर विधायक एवं संसदीय सचिव राजकुमार ने पुलिस व नगर निगम पर फड़-ठेली वालों के विरुद्ध गैरकानूनी कार्रवाई व अवैध वसूली का आरोप लगाया। विधायक ने कहा कि जिस तरह राज्य सरकार मलिन बस्तियों के लिए योजनाएं ला रही है, उसी तरह फड़-ठेली वालों के लिए भी शहर में कई वेंडर जोन बनाए जाएंगे।

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सोमवार को नगर निगम प्रेक्षागृह में आयोजित ऑल इंडिया ठेली पटरी संगठन के प्रथम राज्य सम्मेलन में मुख्य अतिथि विधायक राजकुमार ने ठेली व रेहड़ी वालों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने पुलिस व नगर निगम से लाइसेंसधारक ठेली-रेहड़ी वालो का चालान न काटने की बात कही। साथ ही इनके लिए शहर में वेंडर जोन बनाने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि ठेली वालों को सब्जी मंडी से सस्ती सब्जी और फल दिलाए जाएंगे, ताकि वे बाजार में भी सस्ती दरों पर सामान बेच सकें। विधायक ने कहा कि पुलिस के रेहड़ी-पटरी वालों के उत्पीड़न के खिलाफ वह डीजीपी और एसएसपी से बात करेंगे। निगम की जेब्रा फोर्स पर नाजायज कार्रवाई व वसूली का आरोप लगाकर विधायक ने एमएनए हरक सिंह रावत को कार्रवाई के निर्देश भी दिए। इस मौके पर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पारस नाथ गोंडवाना, तरुण मारवाह, भूपेंद्र सिंह, सुभाष सेठी आदि मौजूद रहे।

मलिन बस्तियों को तोड़ना गलत

विधायक राजकुमार ने मलिन बस्तियों को तोड़ने की कार्रवाई को गलत बताया। कहा कि जब बस्ती वालों को बिजली और पानी की सुविधा दे दी गई है तो फिर उन्हें तोड़ा क्यों जाए।

बीएसयूपी फ्लैट पर कुछ लोग फैला रहे भ्रम: एमएनए

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि मुख्य नगर अधिकारी हरक सिंह रावत ने केंद्र सरकार की बीएसयूपी (बेसिक सर्विस फॉर अर्बन पुअर) योजना के अंतर्गत बन रहे आवास पर कुछ लोगों की ओर से भ्रम फैलाए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि नगर निगम की तरफ से बीएसयूपी के सैकड़ों फ्लैट तैयार किए जा चुके हैं। दो-दो कमरों के आवास में किचन-टॉयलेट सब है, लेकिन बस्तियों के लोग इनमें शिफ्ट नहीं होना चाहते। इन आवास का किराया महज 250 रुपये प्रतिमाह होगा और कुछ वर्ष बाद ये वहां रहने वाले के नाम ही हो जाएंगे।

बता दें कि आवास पर पिछले दिनों राजनीति हावी हो गई थी। कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल ने इन फ्लैट को बुनियादी सुविधाओं से परे बताते हुए बस्तियों को तोड़ने व लोगों के शिफ्टीकरण पर रोक लगा दी थी। दूसरी ओर, एमएनए ने ठेली वालों से पॉलीथिन का प्रयोग बंद करने की अपील भी की।

संडे मार्केट की फिर पैरवी

लगता है विधायक राजकुमार को संडे मार्केट से कुछ ज्यादा ही लगाव है। पहले भी कई मर्तबा संडे मार्केट की पैरवी करते रहे विधायक राजकुमार ने सोमवार को मंच पर सार्वजनिक तौर पर संडे मार्केट का पक्ष लिया। उन्होंने कहा कि सप्ताह में एक दिन ही तो कुछ गरीब लोग संडे मार्केट लगाते हैं। संडे मार्केट के स्थायी समाधान को वे मुख्यमंत्री से वार्ता भी करेंगे।


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