Move to Jagran APP

लोकगीत गीत नहीं, जीवन दर्शन कहिये

जागरण संवाददाता, देहरादून: जनमानस में रचे-बसे गीत सिर्फ लोकगीत नहीं, बल्कि यह जीवनदर्शन हैं। लोकग

By Edited By: Published: Mon, 22 Dec 2014 12:22 AM (IST)Updated: Mon, 22 Dec 2014 12:22 AM (IST)
लोकगीत गीत नहीं, जीवन दर्शन कहिये

जागरण संवाददाता, देहरादून:

loksabha election banner

जनमानस में रचे-बसे गीत सिर्फ लोकगीत नहीं, बल्कि यह जीवनदर्शन हैं। लोकगीतों में पहाड़ का सौंदर्य है तो वहां की परंपराएं, रीति-रिवाज, रहन-सहन, खान-पान का समावेश भी। यही नहीं, विरह, बिछोह भी कम नहीं। कहने का आशय यह कि इसमें उत्तराखंडी लोक का समूचा जीवनदर्शन समाहित है। 'दैनिक जागरण' की ओर से आयोजित 'उत्तराखंड स्वरोत्सव-2014' के गवाह बने दूनवासियों से बातचीत में यही बात उभरकर सामने आई।

बदली परिस्थितियों का असर लोकगीतों पर जरूर पड़ा है, लेकिन इनका महत्व कम नहीं हुआ है और न होगा। लोकगीत हमारी सभ्यता-संस्कृति को प्रतिबिंबित करते हैं। यह लोकगीतों का ही आकर्षण है कि जब 'दैनिक जागरण' की पहल पर इसके संवाहक एक मंच पर जुटे तो उन्हें देखने-सुनने हजारों लोग उमड़ आए। लोगों का कहना था कि यह अपनी जड़ों से जुड़ाव को भी प्रदर्शित करता है। जरूरत इस बात की है कि सभी को मिलकर लोक रंगों के संरक्षण को आगे आना होगा। यह किसी एक की नहीं, हम सबकी जिम्मेदारी है। 'दैनिक जागरण' ने भी अपने इसी दायित्व को समझते हुए लोक संस्कृति के संवाहकों का सम्मान कर लोक के संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाया है। इससे अन्य लोग भी प्रेरित होंगे। जागरण इसके लिए बधाई का पात्र है।

---------

'लोकगीतों के संरक्षण को इस तरह के कार्यक्रमों से नया आयाम मिलेगा। पहाड़ की पहचान वापस लाने का प्रयास करने के लिए 'दैनिक जागरण' का धन्यवाद।'

-एसपी कुकरेती, पटेलनगर

'सिर्फ लोकगायक ही वो कड़ी हैं जो देश-विदेशों में रहने वाले लोगों को अपनी संस्कृति से जोड़े रखते हैं।

-सुधा बड़थ्वाल, सहस्त्रधारा रोड

'मैं दिल्ली में रहता हूं, मुझे अपनी संस्कृति में घुलने और लोकगायकों को देखने-सुनने का अवसर दैनिक जागरण ने दिया है। ऐसी पहल निरंतर जारी रहनी चाहिएं।'

-कलम सिंह दानू, दिल्ली

'दैनिक जागरण ने लोकगायकों का सम्मान कर बहुत बड़ा काम किया है। सरकार को भी लोकगायकों को बहुत आगे ले जाने के लिए काम करना चाहिए'

-डॉ.आरसीएस बिष्ट, मंदाकिनी विहार

'मुझे दैनिक जागरण के इस कार्यक्रम के जरिए अपनी संस्कृति के संवाहकों से रूबरू होने का मौका मिला। थैंक्यू दैनिक जागरण।'

-अनवरत बिष्ट, यमुना कॉलोनी

'आज की पीढ़ी लोकगीतों के बजाए पाश्चात्य संस्कृति की ओर उन्मुख हो रही है। उसे अपनी संस्कृति से जोड़ने के लिए दैनिक जागरण की पहल नई ऊर्जा देने का कार्य करेगी।'

-अनुपमा जोशी, केवल विहार

'भावी पीढ़ी तभी अपनी जड़ों से जुड़ेगी, जब उसे हम अपनी सभ्यता-संस्कृति से रूबरू कराएंगे। उन्हें अपनी बोली-भाषा का ज्ञान देंगे। यानी लोक संस्कृति के संरक्षण को पहल घर से करनी होगी।'

-यशोदा पोखरियाल, पटेलनगर

'ये जरूर है कि आज लोग बालीवुड के गानों को खूब पसंद कर रहे हैं। लेकिन, ऐसा नहीं है कि हम अपनी संस्कृति को भूल गए'

-प्राची आर्य, रायपुर

'लोकगीतों को सुनकर अपने बचपन की यादें ताजा हो जाती है। लोकगीत ही सदियों तक हमारी परंपराओं को आगे ले जाएंगे'

-संपत्ति देवी, देहरादून

'सबसे पहले तो दैनिक जागरण का धन्यवाद कि उसने पहाड़ के लोगों को उनकी परंपरा के दर्शन लोकगीतों के माध्यम से कराने का काम किया। ऐसी पहल निरंतर चलनी चाहिएं।'

-पीएल डबराल, बल्लुपुर

'मैं तो ये कहूंगी कि लोकगीतों का सम्मान आज प्रदेश के लिए सबसे बड़ा सम्मान है। लोकगायकों ने हमें और हमारी परंपराओं को जिंदा रखा है'

-प्रियंका उनियाल, रायपुर

'मैं न कोई फिल्म देखने जाता हूं और न कोई कार्यक्रम। मैं सिर्फ इस कार्यक्रम में शामिल होने को उत्सुक था। थैंक्यू दैनिक जागरण।'

-एसएस बिष्ट, बसंत विहार

'लोकगायकों को सम्मानित करने के लिए दैनिक जागरण की यह पहल सराहनीय है। इसके लिए जागरण परिवार को साधुवाद'

-अनिल शाह, घनसाली

'दैनिक जागरण ने प्रदेश के मशहूर लोकगायकों को एकमंच दिया। सभी को साथ देखने का मौका मिला। इससे बेहतर पहल और क्या हो सकती है।

-इशू रस्तोगी, बैंड बाजार

'लोकगायिकी हमारी पहचान है। हमारी संस्कृति, परंपरा की पहचान है। इसे जिंदा रखना और लगातार आगे बढ़ाना हमारा कर्तव्य है।'

-अवनीप्रीत कौर डोबरियाल, टीएचडीसी कॉलोनी

'लोकगायन हमारा सम्मान है। इसके माध्यम से हम अपनी परंपरा, संस्कृति के दर्शन करते हैं। दैनिक जागरण का धन्यवाद।'

-श्रद्धा झिल्डियाल, राजेंद्र नगर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.