'श्वान प्रेम' से करोड़ों कमा रहा बाजार
जागरण संवाददाता, देहरादून: सेहत से लेकर साज-सज्जा तक का ख्याल। पौष्टिक आहार और खेल-खिलौने भी। श्वान
जागरण संवाददाता, देहरादून: सेहत से लेकर साज-सज्जा तक का ख्याल। पौष्टिक आहार और खेल-खिलौने भी। श्वान प्रेमियों की इसी दीवानगी के चलते उत्तराखंड में डॉग प्रोडक्ट्स का कारोबार भी करोड़ों में है। जैसे-जैसे लोगों की कुत्तों के प्रति दीवानगी बढ़ रही है, वैसे-वैसे यह कारोबार भी बढ़ रहा है।
किसी भी अच्छी नस्ल के कुत्ते की खुराक और रहन-सहन का खर्च उसकी कीमत से कहीं अधिक पड़ता है। श्वान प्रेमियों की मांग के आधार पर आज बाजार में कुत्तों के लिए पौष्टिक आहार के साथ ही तमाम तरह के उत्पाद उपलब्ध हैं। तंदुरुस्ती के लिए टॉनिक और मल्टी विटामिन कैप्सूल हैं तो शरीर के जोड़ मजबूत रखने की दवा भी मौजूद है। शैंपू तो पुरानी बात हो चुकी है, अब डिमांड है कोट कंडिशनर की। कपड़ों से लेकर खेल-खिलौने और साज-सज्जा तक के सामान की जमकर खरीदारी हो रही है।
बाजार में कुत्तों के लिए एकाध नहीं, ढेरों तरह के उत्पाद हैं। यह धंधा किस कदर चोखा है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि राज्य में करीब 15 कंपनियां इस कारोबार से जुड़ी हैं। जिनका हर माह तकरीबन दो से तीन करोड़ का कारोबार है। यह तो हुई कारोबार की बात, अब जरा इस बात का भी तकाजा कर लिया जाए कि इस धंधे में मुनाफा कितना है। डॉग प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियों के मुलाजिमों की मानें तो उनका सालाना कारोबार तकरीबन 15 से 20 फीसद बढ़ रहा है।
----------------------
राज्य में करीब 15 कंपनियां इस कारोबार से जुड़ी हैं। जिनका कारोबार दो से तीन करोड़ रुपये सालाना है। इसमें सालाना वृद्धि भी हो रही है।
सुमन सिंह, व्यवसायी
--------------------
ये उत्पाद हैं उपलब्ध
-कॉस्मेटिक, एक्सेसरीज, कपड़े, जूते, खिलौने, डियोड्रेंट, ड्राई बाथ, डॉग हाउस आदि।