सिटी बसों में मिलेगी किराये में छूट
जागरण संवाददाता, देहरादून: सिटी बसों में अब स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सीनियर सिटिजन, विकलांग, मान्य
जागरण संवाददाता, देहरादून: सिटी बसों में अब स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सीनियर सिटिजन, विकलांग, मान्यता प्राप्त पत्रकार व राज्य आंदोलनकारियों को किराये में छूट मिलेगी। संभागीय परिवहन कार्यालय ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। राज्य आंदोलनकारियों और विकलांगजनों को किराये में छूट पाने के लिए जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्साधिकारीकी मुहर लगा प्रमाण-पत्र दिखाना होगा।
अर्बन ट्रांसपोर्ट के तहत सिटी बसो को बैठने की क्षमता से 50 फीसद स्टैंडिंग सवारियों के साथ संचालित होने की अनुमति है। मसलन, किसी बस में 32 सीटें हैं तो उसमें 16 सवारियां स्टैंडिंग भी जा सकती हैं। इस स्थिति में बस को ओवरलोड नहीं माना जा सकता, न ही परिवहन विभाग बस का ओवरलोडिंग में चालान कर सकता है। यह छूट सिर्फ सिटी बसों को है। यह दीगर बात है कि इस नियम की आड़ में सिटी बसों में बैठने की क्षमता से दोगुनी सवारियां स्टैंडिंग हालात में ढोई जाती हैं।
इसी बीच, परिवहन विभाग को यह पता चला कि 50 फीसद सवारियों को स्टैंडिंग ले जाने की छूट उस स्थिति में लागू होती है, जब आरटीओ या एआरटीओ बसो के संचालन को लेकर कोई नई शर्त जोड़ दें। यानी परिवहन विभाग किराये की छूट या किसी खास वर्ग को मुफ्त यात्रा का प्रावधान लागू कर सकता है।
इसी क्रम में संभागीय परिवहन कार्यालय देहरादून ने सिटी बसों के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। इसके तहत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सीनियर सिटिजन, राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार, विकलांग और राज्य आंदोलनकारियों को किराये में छूट देने की तैयारी है। पहले इन वर्गो को 50 फीसद छूट दी जा रही थी, लेकिन माना जा रहा कि बस संचालक इससे आर्थिक बोझ में आ जाएंगे। ऐसे में बस संचालकों के साथ बैठक कर छूट देने पर राय-शुमारी की जाएगी। माना जा रहा कि 30 से 35 फीसद छूट मंजूर हो जाएगी।
स्कूल-कॉलेज के बच्चों के लिए जारी होगा पास-सिस्टम
दिल्ली, चंडीगढ़, मुंबई, गुड़गांव आदि शहरों की तर्ज पर दून में भी छात्र-छात्राओं को सिटी बसों में किराये में छूट देने के लिए पास-सिस्टम लागू किया जा रहा है। इसमें 25 से 30 फीसद तक किराये में छूट मिलेगी। ये अभी तय नहीं है कि पास मासिक होंगे या छह-छह माह के लिए। आरटीओ की मानें तो जल्द ही इस पर फैसला लेकर यह सिस्टम लागू कर दिया जाएगा। इससे शहर के हजारों बच्चों को लाभ मिलेगा, जो रोज सिटी बसों में सफर करते हैं।
अपने ही जाल में फंसे सिटी बस संचालक
किराये में छूट के प्रस्ताव को बस संचालकों की मनमानी पर शिकंजे की शुरुआत माना जा रहा है। दरअसल, ओवरलोडिंग में जब परिवहन विभाग ने सिटी बसों पर कार्रवाई की तो वे हाई कोर्ट चले गए। यहां संचालकों ने अर्बन ट्रांसपोर्ट का नियम बताया। सुनवाई के दौरान ही पता चला कि इसमें आरटीओ अपने हिसाब से कुछ शर्त जोड़ सकते हैं। विभाग ने इसी शर्त को आधार बना बसों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली।
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सिटी बस 32 सीटर है और उसमें 16 सवारी स्टैंडिंग हैं तो बस संचालक उक्त स्टैंडिंग 16 सवारियो से कम किराया नहीं लेता। जबकि, टैक्स 32 ही सवारी का देता है। इस स्थिति में उन्हें कुछ विशेष वर्गो को किराये में छूट देनी चाहिए। विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। किराये में छूट से बस संचालक पर आर्थिक बोझ नहीं पडे़गा।
दिनेश चंद्र पठोई, आरटीओ