सूबे में शीतलहर का प्रकोप, ठंड से दो की मौत
जागरण संवाददाता, देहरादून: मौसम खुला है और धूप भी निखर रही है, लेकिन दुश्वारियों के बादल अभी तक नहीं
जागरण संवाददाता, देहरादून: मौसम खुला है और धूप भी निखर रही है, लेकिन दुश्वारियों के बादल अभी तक नहीं छंट पाए हैं। समूचा राज्य शीतलहर की गिरफ्त में है। इस बीच ठंड से दो लोगों की मौत हो गई। इनमें चंपावत के मंच पुलिस थाने में तैनात एक पुलिसकर्मी भी शामिल है। इसके साथ ही राज्य में एक सप्ताह के दौरान ठंड से मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है। इस बीच मुख्यमंत्री हरीश रावत ने स्पष्ट किया है कि अब यदि किसी जिले में ठंड से मौत हुई तो इसके लिए वहां के जिलाधिकारी जिम्मेदार होंगे। उधर, राज्य के पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी के चलते बंद हुए तमाम मोटर मार्ग अभी तक नहीं खुल पाए हैं। कई जगह खाद्यान्न का संकट भी गहराने लगा है, जबकि कुछ इलाके अंधेरे में डूबे हैं।
सूबे में शनिवार से सोमवार तक हुई बर्फबारी और बारिश के बाद मंगलवार से भले ही मौसम साफ है, लेकिन शीतलहर ने दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। खासकर पर्वतीय इलाकों में। इस बीच चंपावत के मंच पुलिस थाने में तैनात पिथौरागढ़ के थाना झूलाघाट के ग्राम कैनखोला (पन्यूड़ा) निवासी सिपाही तेज सिंह रावत (53 वर्ष) की मौत हो गई। बताया गया कि तेज सिंह 14 दिसंबर को फायरिंग के लिए बनबसा गए थे। 16 दिसंबर को वह चंपावत पहुंचे। बहुत देर तक इंतजार के बाद भी उन्हें मंच जाने के लिए वाहन नहीं मिला। दोपहर बाद तबियत खराब होने पर उन्होंने बाजार से दवा ली और पुलिस लाइन में आमद कराने के बाद परिचित पुलिस कर्मी के कमरे में चले गए। शाम को तेज सिंह बाथरूम गए तो वहीं रह गए। बाथरूम से बाहर न निकलने पर बाद में दरवाजा तोड़ा गया तो तेज सिंह बेहोश मिले। रात में ही उन्हें जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के मुताबिक ठंड की वजह से हार्ट अटैक से उसकी मौत होना माना जा रहा है।
इधर, चमोली जिले के घाट में बर्फ के नीचे नेपाली मूल के एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ है। नंदाकिनी नदी के किनारे बर्फ में यह शव दबा था। मृतक की पहचान खुशीराम निवासी थाना अमरावती, नेपाल के रूप में हुई। घाट पुलिस चौकी इंचार्ज प्रेम सिंह नेगी ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेजा गया है। मौत के कारणों की जांच की जा रही है।
इस बीच मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश में जिलाधिकारियों को वीडियो कांफ्रिसिंग के जरिये ठंड के मद्देनजर अलाव की व्यवस्था करने और गरीबों को मुफ्त लकड़ी देने के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस कप्तानों से कहा कि वे रात्रि गश्त करें। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि यदि किसी की ठंड से मौत हुई तो डीएम जिम्मेदार होंगे।
दूसरी ओर, रुद्रप्रयाग जिले की ही बात करें तो पर्यटक स्थल चोपता को जोड़ने वाला ऊखीमठ-चोपता मार्ग के अलावा ऊखीमठ-मक्कू मार्ग बंद पड़े हैं। लोनिवि की सुस्ती का आलम यह है कि तीन दिन में भी वह इन मार्गाें को नहीं खोल पाया है। चमोली जिले के देवाल प्रखंड के एक दर्जन गांव सड़क मार्ग से कटे हैं। वहां आवश्यक वस्तुओं का संकट भी पैदा हो गया है। इसके अलावा विद्युत आपूर्ति भी ठप पड़ी है। देवाल में क्षतिग्रस्त पेयजल लाइनें भी दुरुस्त नहीं हो पाई हैं। अल्मोड़ा और बागेश्वर जिले के ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति सुचारू नहीं हो सकी है। मुक्तेश्वर का संपर्क अभी भी कटा हुआ है। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ मार्ग पर अभी छोटे वाहन ही पास हो पा रहे हैं। कई क्षेत्रों में गैस किल्लत शुरू हो गई है।
राज्य में कड़ाके की सर्दी
बर्फबारी और बारिश के बाद सूबेभर में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। मंगलवार को मौसम खुलने के बाद सर्द हवा ने डेरा डाल लिया। शीतलहर के चलते न्यूनतम पारे में चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आई है। इस बीच गुरुवार से आसमान में बादल भी उमड़ने लगे। हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि बादलों से डरने की जरूरत नहीं है। राज्य मौसम केंद्र के निदेशक डॉ.आनंद शर्मा के मुताबिक शुक्रवार को देहरादून समेत कुछ हिस्सों में आंशिक रूप से बादल रहेंगे, लेकिन इनके बरसने की संभावना नहीं है।