269 विद्यालयों के बच्चे दो किमी चलने को हैं विवश
राज्य ब्यूरो, देहरादून प्रदेश में 269 प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं, जहां छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के ल
राज्य ब्यूरो, देहरादून
प्रदेश में 269 प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं, जहां छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के लिए दो किमी पैदल चलना पड़ता है। इस मामले में सबसे खराब हालत शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी के गृह जिले टिहरी की है। टिहरी जिले में ऐसे विद्यालयों की संख्या 212 है। खुद शिक्षा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र देवप्रयाग में ऐसे विद्यालयों की संख्या 46 है।
प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में अब भी छोटे बच्चों को प्राथमिक स्तर की पढ़ाई के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। इस मामले में सबसे खराब स्थिति टिहरी जिले, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और चंपावत की है। टिहरी जिले की बदहाली का अंदाजा इससे लग सकता है कि घनसाली विधानसभा क्षेत्र में 37, नरेंद्रनगर में 33, टिहरी में 33, धनोल्टी में 37, प्रतापनगर विधानसभा क्षेत्र में 29 प्राथमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को दो किमी की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। शिक्षा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र देवप्रयाग में सर्वाधिक 46 विद्यालय ऐसे हैं। टिहरी जिले में 212 प्राथमिक विद्यालयों में यही स्थिति है।
वहीं रुद्रप्रयाग जिले की केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में तीन और रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्र में ऐसे तीन विद्यालय हैं। चमोली जिले के विधानसभा क्षेत्रों बदरीनाथ में पांच, कर्णप्रयाग में 12 और थराली में 24 प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को दो किमी पैदल चलना पड़ रहा है।
अल्मोड़ा जिले की जागेश्वर विधानसभा क्षेत्र में तीन, सोमेश्वर में एक प्राथमिक विद्यालय हैं तो बागेश्वर के कपकोट विधानसभा क्षेत्र में चार और चंपावत जिले के चंपावत व लोहाघाट विधानसभा क्षेत्र में क्रमश: एक-एक प्राथमिक विद्यालय में बच्चे इसी समस्या से जूझने को मजबूर हैं। बकौल शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी उत्तरकाशी, पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर, नैनीताल जिलों के सभी विधानसभा क्षेत्रों में ऐसा एक भी प्राथमिक विद्यालय नहीं है।