पल्ले में पूरा पैसा, खर्च में सुस्ती
तकनीकी शिक्षा बदहाल: -13 आइटीआइ और दो पालीटेक्निक में पेयजल की सुविधा नहीं, शौचालय, प्राथमिक चिकित
तकनीकी शिक्षा बदहाल:
-13 आइटीआइ और दो पालीटेक्निक में पेयजल की सुविधा नहीं, शौचालय, प्राथमिक चिकित्सा, दूरभाष, जेनरेटर और छात्रावास का अभाव
-33 आइटीआइ में इलेक्ट्रानिक्स, फीटर, वेल्डर, इलेक्ट्रिशियन, सूचना प्रौद्योगिकी जैसे 28 ट्रेडों में औजारों और संयंत्रों की कमी
-स्थान की कमी के चलते आइटीआइ में केंद्रपुरोनिधानित योजनाओं का धीमा क्रियान्वयन
-पालीटेक्निक और आइटीआइ भवनों के निर्माण की रफ्तार बेहद सुस्त, लंबित कार्यो को पूरा करने के बजाए नए निर्माण कार्यो को सरकार ने दी मंजूरी
राज्य ब्यूरो, देहरादून
सरकारी तंत्र के नकारापन से तकनीकी शिक्षा बदहाली से उबर नहीं पा रही है। राजकीय पालीटेक्निक और आइटीआइ के 59 फीसद भवन किराए के भवनों में संचालित किए जा रहे हैं, जबकि 33 आइटीआइ में 28 ट्रेड उपकरणों के अभाव में चलाए जा रहे हैं। दो पालीटेक्निक, 13 आइटीआइ में पीने के पानी की सुविधा नदारद पाई गई।
सीएजी ने वर्ष 2010-11 और 2013-14 की अवधि में सरकारी पालीटेक्निक और आइटीआइ में अवस्थापना सुविधाओं का लेखा परीक्षण किया। जांच में पाया गया कि 227.02 करोड़ की पर्याप्त धनराशि होने के बावजूद सिर्फ 49 फीसद ही खर्च किया जा सका। 52 आइटीआइ और छह पालीटेक्निकों में प्राथमिक चिकित्सा और 10 आइटीआइ में शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव रहा। महिला छात्रावासों के निर्माण में ढिलाई बरती जा रही है। कई छात्रावासों के निर्माण कार्य अधूरे हैं।