प्रधानाचार्य के विरुद्ध शिक्षकों ने मोर्चा खोला
संवाद सूत्र, मसूरी: नगर के एक अशासकीय इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य द्वारा शिक्षिकाओं के मानसिक उत्पीड़
संवाद सूत्र, मसूरी: नगर के एक अशासकीय इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य द्वारा शिक्षिकाओं के मानसिक उत्पीड़न का मामला तूल पकड़ने लगा है। नगर के सभी अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों ने इसके विरोध में आज शिक्षण कार्य न करने का फैसला किया है। इसके तहत वे संबंधित विद्यालय में उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले धरना-प्रदर्शन कर अपना विरोध प्रकट करेंगे।
मामला नगर के सनातन धर्म गर्ल्स इंटर कॉलेज का है, जहां की छह सीनियर शिक्षिकाओं रेनू बहुगुणा, कविता नेगी, नीरज, नीतू गुप्ता, अर्पणा सिंह व अर्चना रानी ने प्रधानाचार्य रश्मि कुलश्रेष्ठ पर उनके मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बीते लगभग डेढ़ माह से वह स्कूल की छुट्टी के बाद भी उन्हें रोजाना एक से डेढ़ घंटा कॉलेज में रोकती हैं। इसके पीछे प्रधानाचार्य का उद्देश्य उन्हें मानसिक रूप से उत्पीड़ित करना है। उन्होंने बताया कि प्रधानाचार्य के उत्पीड़न से आजिज आकर कॉलेज की चार अध्यापिकाएं नौकरी छोड़ चुकी हैं। शिक्षिकाओं ने बताया कि रोजाना की तरह गुरुवार को भी उन्हें कॉलेज की छुट्टी के बाद स्कूल में रोका गया तो उन्होंने विरोधस्वरूप घर जाने से इन्कार कर दिया और शाम साढ़े छह बजे तक स्कूल में ही डटी रहीं। बाद में कॉलेज प्रबंधन समिति के पूर्व अध्यक्ष अनिल गोयल के हस्तक्षेप और मामले को बैठकर सुलझाने का आश्वासन मिलने पर ही शिक्षिकाएं घर गयीं।
शिक्षिकाओं ने बताया कि कॉलेज में छठवीं से बारहवीं कक्षा तक 260 बच्चे अध्ययनरत हैं और उन्हें पढ़ाने की जिम्मेदारी उन छह शिक्षिकाओं पर ही है। इसके बावजूद उनको मानसिक उत्पीड़न झेलना पड़ता है। उन्होंने बताया कि जिस शासनादेश का हवाला देकर प्रधानाचार्य शिक्षिकाओं को छुट्टी के बाद स्कूल में रोकती हैं, वह प्रदेश के किसी भी विद्यालय में लागू नहीं है।
उधर, उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलामंत्री अनिल नौटियाल ने बताया कि आज मसूरी के सभी अशासकीय विद्यालयों के शिक्षक शिक्षण कार्य से विरत रहेंगे। वह सनातन धर्म गर्ल्स इंटर कॉलेज में संघ के बैनर तले धरना-प्रदर्शन कर अपना विरोध प्रकट करेंगे।
'खंड शिक्षा अधिकारी रायपुर के 27 जुलाई 2013 के शासनादेश के अनुसार ही शिक्षिकाओं को विद्यालय में रोककर उनसे कार्य लिए जाते हैं। मानसिक उत्पीड़न का आरोप निराधार है।'
-रश्मि कुलश्रेष्ठ, प्रधानाचार्य, सनातन धर्म गर्ल्स इंटर कॉलेज मसूरी
'जिस शासनादेश का हवाला प्रधानाचार्य दे रही हैं, वह आज की तारीख में प्रदेश के किसी भी विद्यालय में लागू नहीं है। इस शासनादेश को शिक्षामंत्री के साथ हुई वार्ता के बाद वापस ले लिया गया था।'
-अनिल कुमार नौटियाल, जिलामंत्री, उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ