गगास-मरचूला मोटर मार्ग को गंभीरता से ले सरकार
राज्य ब्यूरो, देहरादून गगास-उड़ी महादेव-सैलापानी-भिकियासैंण-मरचूला सड़क निर्माण में वन महकमे की ओर स
राज्य ब्यूरो, देहरादून
गगास-उड़ी महादेव-सैलापानी-भिकियासैंण-मरचूला सड़क निर्माण में वन महकमे की ओर से लग रहे अड़ंगे का मुद्दा सोमवार को विधानसभा में गूंजा। सल्ट से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना ने नियम-310 के तहत इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर सदन का बहिष्कार करने की चेतावनी दी और कुछ देर के लिए वेल में धरना भी दिया। बाद में कार्य स्थगन प्रस्ताव के तहत मामले की चर्चा होने पर विधायक ने धरना खत्म किया। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार के स्तर पर ढिलाई नहीं होने दी जाएगी। वहीं पीठ ने सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेने और केंद्र सरकार के साथ तालमेल कर मसले का समाधान करने के निर्देश दिए।
अल्मोड़ा जिले में लंबे अरसे से लटकी इस योजना में राज्य सरकार के स्तर पर हीलाहवाली का आरोप लगा रहे भाजपा विधायक जीना ने इसे अति महत्वपूर्ण मामला बताते हुए विधानसभा में तुरंत चर्चा कराने पर जोर दिया। विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल की ओर से इस मामले को अगले दिन सदन में चर्चा के लिए शामिल करने के भरोसा दिलाने पर भी विधायक जीना राजी नहीं हुए। सदन का बहिष्कार करने की चेतावनी के साथ वह वेल में ही धरने पर भी बैठे। जीना की मांग का समर्थन नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट, हरभजन सिंह चीमा, राजकुमार ठुकराल ने भी किया। इसके बाद नियम-58 के तहत इस मसले को उठाया गया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में 1000 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर रहने वाले लोग मोटरमार्ग निर्माण में वन महकमे की ओर से पैदा की जा रही दिक्कत से परेशान हैं।
विपक्ष के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने स्वीकार किया कि राज्य के वनाच्छादित क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण की गति बेहद धीमी है। जिला और राज्य स्तर पर आने वाली बाधाएं दूर की जाएंगी। साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की तर्ज पर उत्तराखंड में पांच किमी वन भूमि में अनापत्ति का अधिकार राज्य का दिया गया है, लेकिन इसके प्रारूप में जटिलता बनी हुई है। इस प्रकरण को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। बाद में पीठ की ओर से भी सरकार को इस मामले में गंभीरता बरतने के साथ ही केंद्र के साथ तालमेल कर समाधान ढूंढने के निर्देश दिए गए।