मानदेय को लेकर शिक्षकों ने सरकार को चेताया
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: प्रबंधकीय व्यवस्था पर कार्यरत संस्कृत विद्यालय व महाविद्यालयों के शिक्षकों
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: प्रबंधकीय व्यवस्था पर कार्यरत संस्कृत विद्यालय व महाविद्यालयों के शिक्षकों को राजकीय शिक्षकों की भांति वेतन न मिला तो उत्तराखंड संस्कृत विद्यालय प्रबंधकीय शिक्षक संघ आंदोलन शुरू करेगा।
श्री पंजाब सिंध क्षेत्र साधु संस्कृत महाविद्यालय में प्रबंधकीय शिक्षक संघ की प्रांतीय बैठक आयोजित हुई। इसमें अध्यक्ष जनार्दन कैरवान ने कहा कि एक वर्ष से शिक्षक संघ मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व अन्य जन प्रतिनिधियों को संस्कृत शिक्षकों की समस्याओं से अवगत करा चुका है। मुख्यमंत्री के आदेश पर विभिन्न संस्कृत विद्यालय व महाविद्यालयों में प्रबंधकीय व्यवस्था पर कार्यरत शिक्षकों की सूची निदेशालय से शासन को भेजी गई थी, लेकिन संबंधित मामला अब तक लंबित है। इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि प्रबंधकीय शिक्षकों के भरोसे ऐसे विद्यालय संचालित हो रहे हैं, लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है। प्रांतीय अध्यक्ष ने कहा कि निश्चित मानदेय की मांग लंबे समय से की जा रही है। इस पर शीघ्र सुनवाई न हुई तो शिक्षक संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा। बैठक की अध्यक्षता करते हुए ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय हरिद्वार के अध्यापक नवीन पंत ने कहा कि संघ की सफलता यह है कि हमारी पत्रावली शासन में एकत्रित हुई है। इस विषय पर और अधिक सफलता के लिए एकजुट होकर आवाज उठानी होगी। प्रत्येक जिलों में इस समस्या को उठाना होगा। संस्कृत की अन्य समस्याओं को लेकर भी आवाज उठाने की जरूरत है। सरकार अगर ध्यान नहीं देगी तो संस्कृत शिक्षक पूरे प्रांत में आंदोलन को मजबूर होंगे। बैठक में शांति प्रसाद मैठाणी, राधेश्याम नौटियाल, विनायक भट्ट, सुभाष चंद्र डोभाल, गिरीश मिश्रा ने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर मनोज शर्मा, हर्षानंद उनियाल, राकेश कंसवाल, अमित जोशी, दिनेश सिल्सवाल, छात्र संघ के विश्वविद्यालय प्रतिनिधि अभिषेक शर्मा, कैलाश व्यास आदि उपस्थित थे।