चोक सीवर पर भी नहीं खुल रही सिस्टम की आंखें
जागरण संवाददाता, देहरादून: एक तरफ चमचमाते मल्टीप्लेक्स और शॉपिंग मॉल, वहीं दूसरी तरफ सड़कों पर बहती स
जागरण संवाददाता, देहरादून: एक तरफ चमचमाते मल्टीप्लेक्स और शॉपिंग मॉल, वहीं दूसरी तरफ सड़कों पर बहती सीवर की गंदगी। राजधानी दून ने राज्य गठन के 14 सालों में तरक्की की सीढि़यां तो खूब चढ़ीं, लेकिन सर्वांगीण विकास का सपना कहीं फिसलकर छूट गया। तभी तो जब-तब दून की ऐसी दोहरी तस्वीर मन को कचोटती रहती है। चोक सीवर लाइनें और उनसे ओवर-फ्लो होकर बहती गंदगी सिस्टम की पोल खोलती नजर आती है। अफसोस कि यह सब देखकर भी जल संस्थान की आंखें नहीं खुल पा रहीं। अलबत्ता वक्त के साथ सीवर का यह मर्ज बढ़ता जा रहा है। रोजाना राजधानी के एक दर्जन से अधिक क्षेत्रों में सीवर लाइन चोक होने की घटनाएं सामने आती हैं। क्या सचिवालय और क्या जिलाधिकारी कार्यालय को जोड़ने वाली सड़क, हर जगह सीवर की समस्या जब-तब सिर उठा बैठती है। अब तो जैसे मशीनरी को इसकी आदत हो चली है और लोग भी इसे नियति मानकर बस अपना सिर पीटकर रह जाते हैं। कुछ उदाहरण से ही आप समझ सकते हैं कि शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सीवर की स्थिति कितना विकट रूप धारण कर चुकी है।
सीन नंबर एक
सचिवालय मार्ग
यहां प्रदेश के सबसे बड़े नौकरशाह से लेकर तमाम विभागों के प्रमुख बैठते हैं और आलम ये है कि सचिवालय के पास सीवर लाइन चोक होने से कई दिनों से गंदगी सड़क पर बह रही है। सीवर बहने से तेज दुर्गध के साथ दुर्घटना का भी खतरा बना रहता है। जिम्मेदार इतने महत्वपूर्ण स्थल को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं तो बाकी जगहों की स्थिति का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं।
सीन नंबर दो
जिलाधिकारी कार्यालय रोड
जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर सीवर लाइन चोक हुए एक माह से अधिक समय बीत गया। जब-तब सीवर यहां अपना साम्राज्य फैला देता है। यह सड़क जिलाधिकारी कार्यालय ही नहीं, बल्कि कचहरी को भी जोड़ती है। रोजाना यहां से आला अधिकारियों से लेकर हजारों लोग गुजरते हैं, लेकिन कोई इसकी सुध लेने को तैयार नहीं।
राजपुर रोड
राजपुर रोड पर रोहिणी प्लाजा और एजेंडा कांप्लेक्स के पास पिछले करीब एक महीने से लाइन चोक होने से सीवर सड़क पर बह रहा है। इस जगह पर इतनी गंदगी हो गई है कि यहां से निकलना भी आमजन के लिए आसान नहीं। क्षेत्रीय लोगों की मानें तो इस संबंध में कई बार जल संस्थान कार्यालय से लेकर हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज करा चुके हैं, मगर समस्या जस की तस बनी है।
कालिंदी एनक्लेव
कालिंदी एनक्लेव में सीवर लाइन का काम पिछले ढाई महीने से चल रहा है। विभाग ने कुछ दिन पूर्व मेनहोल बनाया, लेकिन उस पर ढक्कन तक लगाने की जहमत नहीं उठाई। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं यहां के हालात क्या होते होंगे।
यहां है सबसे अधिक दिक्कत
जाखन, राजपुर रोड व आसपास की कॉलोनियां, करनपुर, डीएवी-डीबीएस रोड, खुड़बुड़ा, चुक्खूवाला, आबकारी वाली गली, बंगाली मौहल्ला, रेसकोर्स, गांधी रोड, चकराता रोड, पलटन बाजार, कर्जन रोड, डालनवाला का कुछ क्षेत्र, हनुमान मंदिर, अंसारी मार्ग, लक्खीबाग, धामावाला, मातावाला बाजार, आढ़त बाजार, झंडा बाजार, भंडारी बाग, लक्ष्मण चौक, डोभालवाला, नेशविला रोड, सर्वे चौक, लैंसडौन चौक।
कांप्लेक्स की मनमानी पर मौन
सिर्फ चोक लाइनें ही नहीं, बल्कि विभिन्न आवासीय-वाणिज्यिक कांप्लेक्स व बड़े अस्पतालों का सीवर भी सड़कों की राह पकड़ लेता है। बारिश में तो जैसे सीवर को सड़कों पर बहाने का बहाना मिल जाता है। कई बार तो विभिन्न सड़कों पर सीवर का नाला बहता दिख जाता है। गंभीर यह है कि लोगों की सेहत व शहर की स्वच्छता से इतने बड़े खिलवाड़ पर भी तंत्र खामोश बैठे तमाशा देखता रहता है।
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विभाग ने सीवर समस्याओं के लिए हेल्पलाइन शुरू कर रखी है। जैसे ही कोई शिकायत हेल्पलाइन या अन्य माध्यम से विभाग को प्राप्त होती है, उसका तुरंत निस्तारण कर दिया जाता है।
-एसके गुप्ता, महाप्रबंधक जल संस्थान