तीन से पहले घोषित हो सकता है कांग्रेस प्रत्याशी
रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून प्रदेश में राज्यसभा की रिक्त सीट के लिए तीन नवंबर को चुनाव अधिसूचना जारी
रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून
प्रदेश में राज्यसभा की रिक्त सीट के लिए तीन नवंबर को चुनाव अधिसूचना जारी होने से पहले या उसी दिन कांग्रेस अपना प्रत्याशी घोषित कर सकती है। इस सिलसिले में अप्रत्यक्ष रूप से पंचस्थानिक चुनावों में निर्वाचित पदाधिकारियों की थाह कांग्रेस हाईकमान ले सकता है। दो नवंबर को नई दिल्ली में कांग्रेस के विभिन्न प्रदेश अध्यक्षों की बैठक बुलाई गई है। इसके एक दिन बाद पंचस्थानिक प्रतिनिधियों का कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात का कार्यक्रम है।
राज्यसभा की रिक्त सीट पर सौ फीसद जीत सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस ने रणनीतिक मोर्चाबंदी शुरू कर दी है। तीन नवंबर को प्रदेश में रिक्त हुई राज्यसभा की एक सीट पर चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के आसार हैं। 20 नवंबर को चुनाव प्रस्तावित है। विधानसभा में खुद और सहयोगियों के बूते कांग्रेस राज्यसभा के लिए अपने सांसद के चुनाव को लेकर आश्वस्त दिखाई पड़ रही है। ऐसे में चर्चा है कि पार्टी अपना उम्मीदवार घोषित करने में ज्यादा वक्त नहीं लगाएगी। दो या तीन नवंबर को राज्यसभा के लिए पार्टी उम्मीदवार की घोषणा की जा सकती है। दो नवंबर को नई दिल्ली में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों की बैठक होनी है। इसी दिन राजधानी दून में मुख्यमंत्री हरीश रावत स्थानीय निकायों और त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में विजयी पार्टी के नेताओं से मुलाकात करेंगे। इसके बाद पंचस्थानिक निकायों के प्रतिनिधियों की तीन नवंबर को नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात होगी। सूत्रों की मानें तो दो नवंबर को प्रत्याशी चयन नहीं होने की स्थिति में पार्टी हाईकमान राज्यसभा में प्रत्याशी चुनने को पंचस्थानिक निकाय प्रतिनिधियों के मन की थाह भी ले सकता है।
राज्यसभा का टिकट प्रदेश के भीतर या बाहर से किसी नेता की झोली में जा सकता है। इसके लिए पैरोकारी तेज हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के मुताबिक उनके पास कई आवेदन आ चुके हैं। यह दीगर बात है कि खुद उपाध्याय को भी राज्यसभा सीट का एक दावेदार माना जा रहा है। वहीं कांग्रेस में दूसरे खेमे पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की ओर से भी टिकट के लिए कांग्रेस हाईकमान पर दबाव बढ़ाया गया है। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही मुख्यमंत्री हरीश रावत के नई दिल्ली दौरे बढ़ गए हैं। मुख्यमंत्री रावत गुरुवार शाम को भी दिल्ली रवाना हुए। वह शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से प्रत्याशी चयन की बाबत मशविरा करेंगे। यही नहीं कांग्रेस का प्रदेश संगठन सरकार के सहयोगी प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) को भले ही आंखें दिखा रहा हो, लेकिन सरकार फिलहाल सहयोगियों को दुलारने का एक भी मौका छोड़ने को तैयार नहीं है। राज्यसभा की एक सीट के लिए चुनाव में पीडीएफ की निर्णायक भूमिका भांपते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत संगठन के विरोधी सुरों को नजरअंदाज किए हैं। फिलहाल पार्टी हाईकमान की ओर से भी पीडीएफ को अलहदा नहीं छोड़ने के संकेत दिए गए हैं। माना जा रहा है कि अब राज्यसभा सीट के लिए चुनाव निपटने के बाद पीडीएफ के साथ रिश्तों की समीक्षा की जा सकती है।