बस्ती बसाने में एक और पार्षद के विरुद्ध बैठी जांच
जागरण संवाददाता, देहरादून: नेहरू कालोनी के दीपनगर व केदारपुरम क्षेत्र में अवैध बस्ती बसाने के मामले
जागरण संवाददाता, देहरादून: नेहरू कालोनी के दीपनगर व केदारपुरम क्षेत्र में अवैध बस्ती बसाने के मामले में सबसे ज्यादा उंगलियां डिफेंस कालोनी के पार्षद सुशील कुमार की ओर उठ रही हैं। आरोप है कि सुशील ने लोगों से रुपये लेकर उन्हें सरकारी जमीन पर बसा दिया। एमएनए को मिली साउंड क्लीपिंग में सुशील कुमार का नाम खुलकर अतिक्रमण कराने में लिया जा रहा है। मेयर विनोद चमोली ने मामले की जांच बैठा दी है।
दीपावली की आड़ में केदारपुरम और दीपनगर क्षेत्र में नेताओं ने लोगों से हजारों रुपये लेकर वहां सरकारी जमीन पर कब्जा करा दिया। करीब 60 झोपड़ियां बना ली गई। सोमवार व मंगलवार को नगर निगम की टीम ने मौके पर पहुंचकर झोपड़ियां तोड़ दी थी। मामले में पहले दीपनगर के पार्षद ललित भद्री का नाम सामने आ रहा था, लेकिन गुरुवार को खुलासा हुआ कि सूत्रधार डिफेंस कालोनी के पार्षद सुशील कुमार हैं। एमएनए हरक सिंह रावत तक पहुंची मोबाइल की साउंड क्लीपिंग में भी सुशील का ही नाम सामने आया है। हालांकि, बुधवार को बताया जा रहा था कि क्लीपिंग में ललित का नाम है, मगर जांच में नाम सुशील कुमार का पाया गया। इतना ही नहीं सुशील पर इलाके के एक बड़े कांग्रेसी नेता के संग मिलकर पूरे खेल को अंजाम देने का आरोप है। मेयर विनोद चमोली ने कहा कि सुशील कुमार के विरुद्ध जांच बैठा दी गई है। अगर वह दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ललित भद्री पर भी अतिक्रमण के आरोप हैं। इनकी भी जांच की जा रही है। उधर, पार्षद सुशील कुमार ने कहा कि उन पर लगे आरोप झूठे हैं। वह तो सालों से अतिक्रमण हटाने की मांग कर रहे हैं व लिखित में शिकायतें की हैं। बावजूद इसके निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की।
बिजली-पानी से नहीं रोक सकते
मलिन व अवैध बस्तियों में बिजली और पानी के कनेक्शन देना सरकार की मजबूरी बताई जा रही है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हुए हैं कि किसी को भी पानी व बिजली से वंचित न रखा जाए। बताया जा रहा है कि इसी वजह से बस्तियों में पानी व बिजली के कनेक्शन दिए गए हैं।