कल जहां बसती थी खुशियां आज है मातम वहां
संवाद सहयोगी, देहरादून: दो दिन पहले जहां दीवाली का जश्न मनाया जा रहा था, सभी एक-दूसरे को दीवाली की ब
संवाद सहयोगी, देहरादून: दो दिन पहले जहां दीवाली का जश्न मनाया जा रहा था, सभी एक-दूसरे को दीवाली की बधाई दे रहे थे और पटाखे फोड़ रहे थे। शनिवार को उसी कॉलोनी में मातम पसरा था। चौहरे हत्याकांड से पूरी कॉलोनी के लोग सहमे हुए थे। वहीं, व्यापारी के घर आने-जाने वाले लोग मकान के अंदर झांककर एक दिन पहले हुई घटना का अपने हिसाब से आंकलन करने में लगे थे। कुछ रिश्तेदारों ने मकान के भीतर जाने की कोशिश भी की, लेकिन पहरे में मौजूद पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोक दिया। वहां मौजूद लोगों की जुबां पर बस यही शब्द थे, 'जो घर गुरुवार तक हंसी-ठहाकों से गूंजा करता था, आज वह बिल्कुल खाली है। यहां अब किसी बच्चे की किलकारी नहीं सुनाई देती बल्कि पसरा है सिर्फ सन्नाटा।'
गुस्से में थे लोग
कॉलोनी में आने वाला हर रिश्तेदार और वहां मौजूद व्यापारी के भाइयों के परिवार के लोग आरोपी हरमीत को लेकर बेहद गुस्से में नजर आए। शवों का अंतिम संस्कार करने के बाद लौटे लोग हरमीत के बारे में ही बात करते रहे।
कोर्ट में भी पहुंचे दर्जनों लोग
शनिवार को करीब तीन बजे हरमीत को कोर्ट में पेश किया गया। सूचना मिलते ही वहां कॉलोनीवासी और व्यापारी के रिश्तेदार भी पहुंच गए। हर किसी के मन में अपने-अपने सवाल थे जो वे हरमीत से पूछना चाहते थे। लेकिन, इससे पहले कि लोग हरमीत से मिल पाते न्यायालय ने उसे जेल भेज दिया।
नहीं ली गई हरमीत की रिमांड
पुलिस कहीं न कहीं हरमीत की बताई कहानी से भी आश्वस्त नजर आ रही है। इसीलिए पुलिस ने शनिवार को हरमीत की रिमांड नहीं मांगी। पुलिस के अनुसार हरमीत से हत्या में प्रयुक्त चाकू व उससे जरूरी पूछताछ हो चुकी है। लिहाजा उसको रिमांड में लिए जाने की जरूरत महसूस नहीं की जा रही है।
तीन धाराओं में चलेगा मुकदमा
शुक्रवार तक हरमीत के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया था। लेकिन, शनिवार को शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद उसके खिलाफ गर्भस्थ शिशु की हत्या करने की धाराओं में भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इंस्पेक्टर कैंट के अनुसार गर्भस्थ शिशु की उम्र आठ से नौ माह के बीच है और उसका पुरुष लिंग है।