शिक्षकों की उत्तर प्रदेश वापसी में फंसा पेच
राज्य ब्यूरो, देहरादून उत्तराखंड में कार्यरत शिक्षकों की उत्तरप्रदेश वापसी पर पेच फंस गया है। उत्त
राज्य ब्यूरो, देहरादून
उत्तराखंड में कार्यरत शिक्षकों की उत्तरप्रदेश वापसी पर पेच फंस गया है। उत्तर प्रदेश शासन की सहमति के बावजूद उत्तराखंड शासन इस दिशा में कदम बढ़ाने से हिचक रही है। केंद्र सरकार की मध्यस्थता के बाद दोनों राज्यों के बीच शिक्षकों समेत कार्मिकों का आवंटन पूरा होने के बाद फिर से स्थिति पूरी तरह साफ नहीं होने को इसकी बड़ी वजह माना जा रहा है।
उत्तराखंड में कार्यरत उत्तरप्रदेश के मूल निवासी शिक्षक वापसी को लेकर दबाव बनाए हुए हैं। इन शिक्षकों की ओर से किए गए प्रयास तब रंग लाए, जब उत्तरप्रदेश शासन ने इस बारे में उत्तराखंड सरकार को पत्र लिखा। पत्र में दोनों राज्यों के बीच वापसी के लिए प्रयासरत शिक्षकों की सूची को अंतिम रूप देने को कहा गया है। गौरतलब है कि कुछ अरसा पहले प्रदेश सरकार कुछ कुछ शिक्षकों और कार्मिकों को उत्तरप्रदेश भेज चुकी है। इस बाबत शिक्षकों की ओर से लगातार प्रयास जारी हैं। उत्तरप्रदेश शासन की ओर से भेजे गए पत्र में यह भी साफ किया गया है कि उत्तराखंड में कार्यरत रहते हुए संबंधित शिक्षकों की तमाम देनदारी उसे ही वहन करनी होगी। सूत्रों के मुताबिक शिक्षकों की उत्तरप्रदेश वापसी के साथ ही जीपीएफ और पेंशन को लेकर देनदारी का मसले में तकनीकी पेच भविष्य में परेशानी का सबब बन सकता है।
प्रदेश सरकार की चिंता यह भी है कि केंद्र सरकार की मध्यस्थता में कार्मिकों के आवंटन का मसला निपट चुका है। उत्तरप्रदेश वापसी को प्रयासरत शिक्षकों का मसला एक बार सुलझने के बजाए रह-रहकर फिर उठ खड़ा हो रहा है। लिहाजा इस मसले पर विराम लगाने की तैयारी है। शासन के इस रुख के बाद तीन दर्जन प्राइमरी शिक्षकों और करीब दर्जनभर माध्यमिक शिक्षकों की सूची भी अटक गई है।