एसटीए की बैठक में कोई फैसला नहीं
राज्य ब्यूरो, देहरादून: राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में देहरादून-हल्द्वानी रूट के मसले पर आवेदन करने वाले प्राइवेट आपरेटर और परिवहन निगम के पक्षों को सुना गया। मामला अदालत में विचाराधीन होने के चलते आरटीए ने कोई निर्णय लेने से पहले इस पर विधिक राय लेने के लिए मामला न्याय विभाग में भेजा है। वहीं, इस रूट पर आवेदनकर्ताओं ने सचिव प्राधिकरण के बैठक में उपस्थित न होने के कारण इसकी कार्यवाही को लेकर आपत्ति दर्ज की है।
सोमवार को सचिवालय में प्रमुख सचिव परिवहन एस रामास्वामी के कक्ष में एसटीए की बैठक हुई। बैठक में इस रूट पर परमिट दिए जाने का विरोध कर रहे परिवहन निगम और आवेदनकर्ताओं को आमने-सामने बिठाकर सुना गया। हालांकि इस दौरान आवेदनकर्ताओं ने सचिव एसटीए के परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक भी होने के कारण उनके सचिव पद के दायित्व का निर्वहन किए जाने पर आपत्ति जताई। इस पर सचिव बीके संत बैठक से चले गए। एसटीए के अध्यक्ष एस रामास्वामी ने इसके बाद दोनों पक्षों को सुना। इस दौरान आवेदनकर्ताओं ने यह मसला उठाया कि रोडवेज कैसे इस मार्ग पर केवल चार परमिटों के आधार पर 22 बसों का संचालन कर रही है। उन्होंने इस मार्ग को अन्य प्रदेश का मार्ग बताकर इस पर निजी आपरेटरों को परमिट देने की भी पैरवी की। इनके बाद रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के महामंत्री रवि पचौरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने परमिट दिए जाने के विरोध में कर्मचारियों की ओर से आपत्ति भी दर्ज की। सूत्रों की मानें तो इसके बाद आवेदनकर्ताओं ने बैठक में सचिव के मौजूद न होने पर कार्यवाही जारी करने के औचित्य को लेकर भी आपत्ति दर्ज की। सूत्रों के अनुसार अब इस मामले में तमाम पेचीदगियों को देखते हुए मामला न्याय विभाग के सुपर्द किया जा रहा है। इसका कारण यह भी बताया जा रहा है कि इस मसले पर राज्य परिवहन प्राधिकरण को हाईकोर्ट में भी जवाब दाखिल करना है।