गढ़वाली चित्रगीत 'प्रीत का पछ्याण' का लोकार्पण
जागरण संवाददाता, देहरादून: गढ़वाली भाषा बोली व संस्कृति संरक्षण की भावना से ओतप्रोत गढ़वाल चित्रगीत माला 'प्रीत की पछ्याण' एलबम का शनिवार को लोकार्पण किया गया। एलबम में ऐतिहासिक बांसुरी बज्या खूबसूरत पुरुष जीतु बगड्वाल का पवांडा है तो 2013 में आई आपदा की अंतहीन पीड़ा भी है।
शनिवार को एक रेस्टोरेंट में मुख्य अतिथि पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री दिनेश धनै ने एलबम का लोकार्पण किया। उन्होंने आंचलिक भाषा व संस्कृति को बचाने के इस प्रयास को सराहा। पर्वतीय बिगुल फिल्मस प्रोडक्शन ने एलबम को संजोया है। एलबम के निर्देशक प्रदीप भंडारी ने बताया कि एलबम में नवोदित गायक वीरेश चंद्र भारती व मीना राणा ने गीतों को स्वर दिए हैं। इस चित्रगीत के माध्यम से गांव या देश-विदेश में रह रहे पहाड़ प्रेमी व अन्य लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे भी गढ़वाल भाषा बोली व संस्कृति के संरक्षण में अपना योगदान दें।
प्रीत की पछ्याण एलबम में आठ गीत है जिनमें पंवाड़ा, जागर, हे मेरा विधाता, छुमा बौ ले, ऐजा मेरी जान, प्यारी सजनी, कंगना छोरी व कुंड डांडा हैं। एलबम के नृत्य निर्देशक अरविंद नेगी, संगीत संयोजन संजय कुमोला, एडीटर नागेंद्र प्रसाद हैं। एलबम की शूटिंग मसूरी, धनोल्टी, बौंर, स्यूॅटागांव चंबा, पक्षीकुंड, भौंणाबागी, बादशाही थौल, नई टिहरी सहित विभिन्न मनोरम स्थलों पर हुई है। इस दौरान उत्तराखंडी फिल्मों के अभिनेता बलदेव राज, गोविंद राणा, मणि भारती, गीता उनियाल, राजेश रावत आदि मौजूद थे।