आपदा प्रबंधन स्वैच्छिक सेवा दल गठित
विकास गुसाई, देहरादून
आपदा के दौरान बचाव एवं राहत कार्य में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में आपदा प्रबंधन स्वैच्छिक सेवा दल का गठन कर दिया गया है। प्रथम चरण में 270 सदस्यों को मानदेय के आधार पर सेवा दल में तैनाती प्रदान करने के लिए राज्यपाल ने स्वीकृति दे दी है। यह दल आपदा के दौरान जनसामान्य और राज्य आपदा प्रतिपादन बल (एसडीआरएफ) के बीच कड़ी के रूप में कार्य करेगा। इसमें कार्य करने वाले सदस्यों को प्रतिमाह 7,500 रुपये मानदेय दिया जाएगा। चयन प्रक्रिया में एसएसबी द्वारा प्रशिक्षित गुरिल्लाओं को वरीयता दी जाएगी।
प्रदेश में गत वर्ष आई आपदा के बाद से ही आपदा से निपटने के लिए स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित किए जाने पर जोर दिया गया। इस कड़ी में शासन ने आपदा प्रबंधन स्वैच्छिक सेवा दल (डीएमवीएसएफ) का गठन किया है। डीएमवीएसएफ को एसडीआरएफ के साथ संबद्ध किया गया है। इस दल में दो कंपनियों का गठन किया जाएगा। प्रत्येक कंपनी में तीन सर्च एवं रेस्क्यू टीमें होंगी, प्रत्येक टीम में 45 सदस्यों को रखा जाएगा। दल के सदस्यों की न्यूनतम आयु 18 वर्ष एवं अधिकतम 40 वर्ष होगी। इसमें ऐसे सदस्यों को लिया जाएगा जो साक्षर और स्वस्थ हों।
इनका चयन पुलिस महानिदेशक द्वारा गठित बोर्ड के माध्यम से किया जाएगा। दल के सदस्यों को 11 माह के लिए मानदेय पर रखा जाएगा, इसके बाद गठित बोर्ड की ओर से चिकित्सकीय परीक्षण में सफल घोषित होने पर फिर से सेवा में लिया जाएगा। इन कर्मचारियों को एसडीआरएफ के प्रशिक्षित कर्मी नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स की ओर से तैयार पाठ्यक्रम के आधार पर प्रशिक्षण देंगे। आपदा की सूरत में यह दल न केवल मलबा हटाने का कार्य करेगा, बल्कि घायलों को निकालने और मृतकों के दाह संस्कार में भी सहयोग करेगा। यह दल एसडीआरएफ को सहयोग करने के साथ ही निकाय, ग्राम व ब्लाक स्तर पर लोगों को आपदा प्रबंधन के प्रति भी जागरूक करेगा। इसके तहत स्थानीय लोगों के अलावा अन्य स्वयं सेवी संस्थाओं, ग्राम स्तर पर विभिन्न समिति तथा महिला मंगल दल व नवयुवक संघ आदि को आपदा प्रबंधन के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रमुख सचिव गृह एमएच खान की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।