वन भूमि हस्तांतरण को कारपस फंड
राज्य ब्यूरो, देहरादून
राज्य में वन भूमि हस्तातरण के लिए वन विभाग के तहत 20 से 25 करोड़ रुपए का कारपस फंड बनाया जाएगा। आवश्यकता होने पर इस कोष को और धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। प्रमुख सचिव वन प्रत्येक 15 दिनों में संबंधित विभागों के साथ बैठक कर वन स्वीकृति संबंधी मामलों का जल्द निस्तारण सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा पर्यटक आवास गृहों के लिए सिंगल विंडो बुकिंग सिस्टम अपनाया जाएगा।
बुधवार को बीजापुर राज्य अतिथि गृह में वन, पर्यटन व लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ये निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने वन भूमि हस्तातरण को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लेते हुए सीएम सचिवालय व मुख्य सचिव स्तर से लगातार मानिटरिंग के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कें राज्य के विकास के लिए जरूरी हैं। पर्यावरणीय पहलुओं का ध्यान में रखते हुए अन्य औपचारिकताओं को शीघ्र पूरा किया जाए। वन विभाग द्वारा प्रस्तावों पर जो भी आपत्तिया की जाती हैं, उनका निस्तारण अविलंब किया जाए। सड़क मागरें की योजना इस तरह बनाई जाए कि कम से कम वन क्षेत्र इससे प्रभावित हो।
मुख्यमंत्री ने पर्वतारोहियों से लिए जाने वाले शुल्क को समाप्त करने के लिए एक सप्ताह में शासनादेश जारी करने के निर्देश दिए। भारत सरकार द्वारा इसे समाप्त करने का निर्णय लिया गया था। हिमाचल प्रदेश सहित कई अन्य राज्य भी इस शुल्क को समाप्त कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शुल्क हटाए जाने से प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही आएंगे। पर्यटन विभाग वर्ष भर में पर्वतारोहियों की संभावित संख्या का आकलन कर वन विभाग से एक साथ अनुमति प्राप्त कर ले। बाद में वन विभाग के तय मानकों के अनुसार पर्वताराहियों को पर्यटन विभाग अनुमति प्रदान करे। इससे पर्वतारोहियों को अनुमति संबंधी अनावश्यक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने बैठक में राफ्िटग के लिए सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी टूरिस्ट बंगलों को टूरिस्ट मैप पर लिया जाए। पर्यटन विभाग, लोनिवि के 20-25 डाकबंगलों को चिह्नित कर इन्हें मॉडल के रूप में विकसित करे। बैठक में कैबिनेट मंत्री दिनेश धनै, संसदीय सचिव विजयपाल सजवाण, डा.शैलेंद्र मोहन सिंघल, प्रमुख सचिव एसएस संधु, डा. रणवीर सिंह, सचिव डा. उमाकात पंवार, मोहम्मद शाहिद, अमित नेगी आदि मौजूद थे।