चेहरे पे हवाइयां, माथे पे पसीना
राज्य ब्यूरो, देहरादून
देवभूमि में लोकसभा चुनाव की गर्माहट के बीच ठंडक घोल रहा मौसम का मिजाज नेताजी के पसीने छुड़ा रहा है। नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही मौसम के बिगड़े मिजाज से प्रचार अभियान पर असर पड़ा है। खासकर, पर्वतीय इलाकों में। कई स्थानों पर चुनावी सभाएं रद हो चुकी हैं तो कई जगह खराब मौसम के कारण कार्यक्रम तय नहीं हो पा रहे हैं। नेताजी को चिंता सता रही कि यदि आगे भी मौसम का यही रंग रहा तो..। ऐसे में चेहेरे की रंगत उड़ रही तो माथे से पसीना भी छलक रहा है।
मौसम का मिजाज इस मर्तबा राज्यवासियों को चौंका ही रहा, जनता की अदालत में खड़े नेताजी के माथे पर भी बल पड़ रहे हैं। आखिर पड़े भी क्यों नहीं। सप्ताहभर से मौसम का जो रंग है, उसने चिंता बढ़ा दी है और यह बेवजह भी नहीं है। 17 अपै्रल को देहरादून समेत विभिन्न स्थानों पर बारिश और अंधड़ ने नामांकन के दौरान खासी दुश्वारिया बढ़ाई। यही नहीं, पर्वतीय इलाकों में वर्षा और बर्फबारी का सिलसिला चल ही रहा है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में बौछारें व अंधड़ परेशानी का सबब बने हुए हैं। नतीजतन कई स्थानों पर नेताओं की सभाएं स्थगित करनी पड़ी हैं।
मौसम के इस रंग के बीच नेताजी परेशान हैं कि यदि आगे भी वर्षा, बर्फबारी और आंधी-तूफान का सिलसिला चलता रहा तो जनता-जनार्दन के दरवाजे पर दस्तक कैसे दे पाएंगे। मैदानी इलाकों में तो चलो जैसे-तैसे पहुंच जाएंगे, लेकिन पहाड़ में क्या होगा, जहां मतदाताओं तक पहुंचने को मीलों की दूरी पगडंडियों से तय करनी पड़ेगी। जाहिर है, इस परिदृश्य के बीच चेहरे पर हवाइयां तो उड़ेंगी ही।
इनसेट
उत्तरकाशी में भी मौसम की मार
टिहरी लोकसभा सीट के अंतर्गत उत्तरकाशी जिले में भी चुनावी माहौल पर मौसम की मार पड़ रही है। बीती 10 अप्रैल को पूर्व सीएम बहुगुणा की भटवाड़ी व चिन्यालीसौड़ की जनसभाएं भी खराब मौसम के कारण स्थगित हुई। वहीं, शनिवार को पुरोला में सीएम हरीश रावत की सभा भी मौसम के बिगड़े रंग की वजह से स्थगित करनी पड़ी थी। आसमान में उमड़-घुमड़ रहे बादलों के कारण प्रचार अभियान भी ठंडा पड़ा है।