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महासमर: बड़ी पंचायत की कसौटी पर छोटी पंचायतें

By Edited By: Published: Sat, 19 Apr 2014 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 19 Apr 2014 01:00 AM (IST)
महासमर: बड़ी पंचायत की कसौटी पर छोटी पंचायतें

रविंद्र बड़थ्वाल, पौड़ी

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लोकसभा चुनाव का महासमर प्रदेश के तकरीबन एक तिहाई ब्लाकों और 42 फीसद ग्राम पंचायतों को अकेले ही अपने में समेटे गढ़वाल संसदीय सीट पर त्रिस्तरीय पंचायतों के संभावित दावेदारों के लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है। पंचायत चुनाव से ऐन पहले लोकसभा चुनाव ने दलों को जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख और ग्राम प्रधान पद के दावेदारों को भी कसौटी पर परखने का मौका मुहैया करा दिया है। अब दलों की नजरें उनकी परफारमेंस पर भी टिक गई हैं।

भौगोलिक रूप से प्रदेश के सबसे बड़े और पांच जिलों तक फैले लोकसभा क्षेत्र गढ़वाल में सर्वाधिक 32 ब्लाक, तकरीबन 3057 ग्राम पंचायतें और तीन पूरी जिला पंचायतें हैं। प्रदेश में कुल 95 ब्लाकों का 33.68 फीसद और कुल ग्राम पंचायतों का 42.29 फीसद इसी लोकसभा क्षेत्र में है। लोकसभा चुनाव निपटते ही प्रदेश में पंचायत चुनाव तय हैं। चूंकि पंचायत चुनाव लोकसभा चुनाव से पहले तय माने जा रहे थे, लिहाजा, पंचायत चुनाव के लिए प्रत्याशी लंबे अरसे से तैयारी किए हुए बैठे हैं। अब लोकसभा चुनाव पहले होने से त्रिस्तरीय पंचायतों के मुखिया पदों पर दावेदारी ठोकने वालों को अपनी काबिलियत भी साबित करनी होगी। चुनाव में दल का प्रदर्शन खराब होगा तो दावेदारों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ सकती हैं। कांग्रेस प्रदेश की सत्ता पर काबिज है, लिहाजा पार्टी पंचायतों के लिए दावा ठोकने वालों को अलर्ट कर चुकी है। वहीं पिछले पंचायत चुनाव चूंकि भाजपा शासनकाल में हुए थे, लिहाजा निवर्तमान पदाधिकारियों में पार्टी के पाले में खड़े रहने वालों की तादाद काफी है। यही वजह है कि कांग्रेस सरकार ने पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने पर प्रतिनिधियों के कार्यकाल पर विराम लगाते हुए प्रशासकों को जिम्मा सौंपने में देर नहीं की। वहीं गढ़वाल के कुछ क्षेत्रों में वामपंथी संगठनों की मजबूत पकड़ मानी जाती है।

रुद्रप्रयाग जिले के तीन ब्लाकों में दो जखोली और ऊखीमठ पर भाजपा तो अगस्त्यमुनि पर वामपंथी काबिज रहे। जिला पंचायत अध्यक्ष पद भाजपा की झोली में रहा है। चमोली जिले के नौ ब्लाकों जोशीमठ, कर्णप्रयाग, दशोली, गैरसैंण, देवाल, थराली, नारायणबगड़, पोखरी और घाट में कांग्रेस के मुकाबले भाजपा के ब्लाक प्रमुख ज्यादा माने जाते हैं। कई ब्लाकों में पिछले चुनाव में विजयी रहे ब्लाक प्रमुख कांग्रेस के ही बागी रहे हैं। एक सीट पर माकपा तो अन्य एक सीट पर रक्षा मोर्चा के ब्लाक प्रमुख रहे। पौड़ी जिले के 15 ब्लाकों दुगड्डा, यमकेश्वर, बीरोंखाल, पौड़ी, पाबौ, कोट, खिर्सू, कल्जीखाल, जयहरीखाल, नैनीडांडा, रिखणीखाल, पोखड़ा, द्वारीखाल व एकेश्वर में कांग्रेस और भाजपा तकरीबन बराबरी पर रहे हैं। अलबत्ता, जिला पंचायत अध्यक्ष सीट पर भाजपा का कब्जा रहा।

गढ़वाल संसदीय सीट के अंतर्गत टिहरी जिले के दो विधानसभा क्षेत्रों नरेंद्रनगर और देवप्रयाग की पंचायतों में भाजपा की तुलना में निर्दलीय या कांग्रेस का ग्राफ ज्यादा ठीक-ठाक है। वहीं नैनीताल जिले के रामनगर विधानसभा क्षेत्र में 53 ग्राम पंचायतों और एक ब्लाक के प्रमुख के लिए संभावित प्रत्याशियों पर भी दलों की नजरें टिकी हैं।

चमोली जिला:

ब्लाक-09, ग्राम पंचायतें-601, जिला पंचायत सदस्य-27,

रुद्रप्रयाग जिला-

ब्लाक-03, ग्राम पंचायतें-339, जिला पंचायत सदस्य-18, ग्राम पंचायत सदस्य

पौड़ी जिला:

ब्लाक-15, ग्राम पंचायतें-1208, जिला पंचायत सदस्य-27, ग्राम पंचायत सदस्य

टिहरी जिला:

नरेंद्रनगर विधानसभा सीट-ब्लाक-दो, ग्राम पंचायतें-437 (लगभग)

देवप्रयाग विधानसभा सीट-ब्लाक-दो, ग्राम पंचायतें-419 (लगभग)

नैनीताल जिला:

रामनगर विधानसभा क्षेत्र: ब्लाक-एक, जिला पंचायत सदस्य-03, ग्राम पंचायतें-53, क्षेत्र पंचायत सदस्य-31, ग्राम पंचायत सदस्य-483।


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