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इस सीजन केदारनाथ की सफाई पूरी करने का लक्ष्य

By Edited By: Published: Sat, 19 Apr 2014 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 19 Apr 2014 01:00 AM (IST)
इस सीजन केदारनाथ की सफाई पूरी करने का लक्ष्य

जागरण संवाददाता, देहरादून: आपदा के बाद से बदहाल हुए केदारनाथ मंदिर के अंदरूनी हिस्सों की सफाई का जो काम पिछले सीजन में शुरू किया गया था, उसे इस सीजन में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि अभी 85 फीसद काम बाकी है और यात्रा शुरू होने के बाद काम में तमाम तरह का व्यवधान आने की भी आशंका बनी हुई है। मौसम अलग इम्तिहान ले रहा है।

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केदारनाथ मंदिर के भीतर के भागों की सफाई का कार्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) की विज्ञान शाखा के पास है। पिछले सीजन में विभाग मंदिर के भीतर के 15 फीसद हिस्से की ही सफाई कर पाया था। सफाई का कार्य रासायनिक विधि से किया जाना है, लिहाजा इस काम में समय अधिक लगता है। विज्ञान शाखा के निदेशक केएस राणा ने बताया कि मंदिर की मूर्तियों का विशेष रासायनिक उपचार किया जाएगा, ताकि उन्हें लंबे समय तक महफूज रखा जा सके। इसके लिए टीमें गठित की गई हैं। टीमों को चार मई को कपाट खुलते ही रवाना होना था, लेकिन लोकसभा चुनाव में कार्मिकों की ड्यूटी लगने के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा। चुनाव संपन्न होने के बाद इन्हें रवाना किया जाएगा। प्रत्येक टीम केदारनाथ में 15 दिन सफाई व रासायनिक उपचार का कार्य करेगी और फिर दूसरी टीम उसकी जगह ले लेगी। केदारनाथ के उच्च हिमालयी क्षेत्र में मौसम की विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए एक टीम को अधिक समय तक वहां नहीं रहने दिया जाएगा।

खास बिंदु

-पिछले सीजन में सफाई में मंदिर की दीवारों पर पुरालेख मिले थे। इनका अध्ययन कराकर मंदिर के निर्माण से जुड़ी आंशिक जानकारी सामने आ पाई।

-अधिकारियों को उम्मीद है कि जैसे-जैसे सफाई कार्य बढ़ेगा दीवारों पर खुदे अक्षर सामने आते जाएंगे। इससे मंदिर के इतिहास की सटीक जानकारी मिल सकती है।

-पिछले सफाई कार्य में मंदिर की दीवारों पर दशकों से जमे घी व कालेपन की मोटी परत चढ़ी मिली। इस परत को हर जगह से पूरी तरह साफ किया जाएगा।

-सफाई कार्य रासायनिक तरीके से किया जाएगा, ताकि मंदिर की मूर्तियों व दीवारों के प्राकृतिक स्वरूप को खतरा न पहुंचे।


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