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न विवेचना शुरू, न मजिस्ट्रेटी जांच

By Edited By: Published: Fri, 18 Apr 2014 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 18 Apr 2014 01:01 AM (IST)
न विवेचना शुरू, न मजिस्ट्रेटी जांच

जागरण संवाददाता, देहरादून: पुलिस हिरासत में चेन लूट के आरोपी रजनीश की मौत के मामले में चुनावी-माहौल आड़े आता दिख रहा है। पुलिसकर्मियों के विरुद्ध दर्ज हत्या-अपहरण के मामले की जांच सीओ सिटी हरिद्वार को दी गई है, जबकि प्रकरण की मजिस्ट्रेटी जांच दून के एडीएम (वित्त) प्रताप शाह के पास है। दोनों ही अधिकारी चुनाव नामांकन प्रक्रिया में व्यस्त हैं। ऐसे में जांच कब आगे बढ़ेगी, यह कहना अभी मुश्किल है।

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बता दें कि डालनवाला थाने में रविवार तड़के पुलिस हिरासत में रजनीश उर्फ लाला की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। पुलिस अफसर तभी से मामले को मैनेज करने में जुटे हैं। हालांकि, परिजनों के आरोप-दबाव के दृष्टिगत सोमवार को अज्ञात पुलिसकर्मियों के विरुद्ध हत्या, अपहरण व एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। चार पुलिसकर्मी निलंबित व थानेदार चंदन सिंह बिष्ट लाइन-हाजिर किए जा चुके हैं। मुकदमे की विवेचना हरिद्वार सीओ सिटी चंद्रमोहन नेगी, जबकि मजिस्ट्रेटी जांच की जिम्मेदारी एडीएम शाह के हवाले है, मगर पिछले तीन दिनों से अफसर ये जिम्मेदारी टाल रहे हैं। बड़ी वजह लोकसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया बताई जा रही है। टिहरी का नामांकन दून में हो रहा है जबकि हरिद्वार का हरिद्वार डीएम कार्यालय में। ऐसे में बुधवार को भी जांच शुरू नहीं हो सकी, जबकि एडीएम शाह ने बुधवार से जांच शुरू करने की बात कही थी। जांच के गुरुवार को भी शुरू नहीं होने के आसार लग रहे। गुरुवार को बड़े दलों के प्रत्याशियों के नामांकन हैं। प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस इसमें व्यस्त रहेंगे। इसके अलावा शाम को कोर्ट कमिश्नर की बैठक भी है। जिसमें एडीएम व्यस्त रहेंगे। वहीं, डीआइजी गढ़वाल अमित सिन्हा ने कहा कि मामला गंभीर है। सीओ सिटी की जांच के बाद ही सच सामने आएगा। सीओ सिटी अगले 24 घंटे में जांच शुरू कर देंगे।

अफसर गफलत में, क्या करें

पूरे मामले को लेकर पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारी दोहरी गफलत में फंसे हुए हैं। दरअसल, प्रथम दृष्ट्या पुलिस पर मुकदमा दर्ज कर व कुछ पुलिसकर्मियों पर गाज गिराकर अफसरों ने मृतक के परिजनों को शांत करने की कोशिश तो की, लेकिन जांच शुरू न हो पाने से ये कोशिश बेकार जा सकती है। चूंकि, मामला एससी-एसटी वर्ग से जुड़ा है। ऐसे में अफसरों को चिंता है कि अगर परिजन बिजनौर से यहां लौट आए तो कोई बखेड़ा खड़ा हो सकता है। ऊपर से एससी-एसटी आयोग और गृह विभाग की तलवार पहले ही लटक रही है।

आज आ सकते हैं सीओ सिटी

सूत्रों से देर रात मिली जानकारी के मुताबिक, सीओ सिटी हरिद्वार गुरुवार की सुबह दून पहुंच सकते हैं। केस डायरी की स्टडी के बाद वे गुरुवार को पुलिस के बयान दर्ज कर सकते हैं। साथ ही दून अस्पताल में भर्ती दूसरे आरोपी निखिल से भी पूछताछ की जा सकती है।


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