जांच शुरू ही नहीं हुई, बदल दिए गए अधिकारी
जागरण संवाददाता, देहरादून: पुलिस हिरासत में चेन लूट के आरोपी रजनीश की मौत के मामले में पुलिस खुद की गलतियों से कठघरे में खड़ी है। हालत ये है कि पुलिसकर्मियों पर दर्ज हत्या-अपहरण के मुकदमे की जांच के लिए नियुक्त सीओ सिटी हरिद्वार चार दिन बाद भी जांच आरंभ करने से कन्नी काटते रहे। अंत में गुरुवार को जांच सीओ सदर हरिद्वार राजेश भट्ट को सौंप दी गई। अब देखते हैं भट्ट कब जांच शुरू करते हैं।
डालनवाला थाना पुलिस की हिरासत में रविवार तड़के रजनीश उर्फ लाला निवासी बिजनौर की मौत हो गई थी। आरोप है कि रजनीश ने अपने साथी निखिल के साथ शनिवार को दो चेन लूट की थीं। पुलिस पर रजनीश की हत्या व अपहरण का आरोप है व निखिल घायल हालत में अस्पताल में उपचार करा रहा है। आरोप है कि पुलिस ने हिरासत में दोनों को जमकर पीटा। जिलाधिकारी ने एडीएम प्रताप शाह को इसकी मजिस्ट्रेटी जांच सौंप दी। डीआइजी अमित सिन्हा ने मुकदमे की जांच हरिद्वार के सीओ सिटी चंद्रमोहन नेगी को दी, लेकिन नेगी लगातार टाल-मटोल करते रहे। गुरुवार सुबह तक उनके दून आने की बात कही जा रही थी, लेकिन वह नहीं आए। इस पर डीआइजी ने जांच सीओ सदर राजेश भट्ट के सुपुर्द कर दी। वहीं, मजिस्ट्रेटी जांच को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। वह भी अब तक शुरू नहीं हुई है।
छुट्टी पर चले गए सीओ
मामले की जांच मिलने के बाद से ही कतरा रहे सीओ सिटी चंद्रमोहन कई दिन की छुट्टी पर चले गए हैं। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने घर में किसी की शादी के लिए छुट्टी का प्रार्थना-पत्र दिया है। ऐसे में सवाल ये है कि जब उन्हें छुट्टी जाना था तो उन्हें जांच क्यों सौंपी गई।