जनसभा की सूचना न मिलने पर अमृता खफा
राज्य ब्यूरो, देहरादून
पौड़ी गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत रामनगर विधानसभा सीट की विधायक और राज्य की कैबिनेट मंत्री अमृता रावत को मुख्यमंत्री की बुधवार को रामनगर में हुई जनसभा की जानकारी महज तीन घंटे पहले दी गई। स्थानीय विधायक होने के बावजूद जनसभा के संबंध में सूचित न किए जाने से अमृता रावत खफा हैं।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को रामनगर में जनसभा को संबोधित किया मगर क्षेत्रीय विधायक अमृता रावत इसमें गैर मौजूद रहीं। सतपाल महाराज के भाजपा में जाने के बाद हालांकि उनकी धर्मपत्नी अमृता रावत ने कांग्रेस छोड़ने की अटकलों को खारिज कर दिया था मगर रामनगर की जनसभा में गैर मौजूदगी ने इस बात के संकेत दिए कि उनकी पार्टी नेतृत्व के साथ रिश्तों में तल्खी बढ़ती जा रही है। गुरुवार को 'जागरण' से बातचीत में श्रीमती रावत ने खुलासा किया कि दरअसल, उन्हें रामनगर में मुख्यमंत्री की जनसभा की जानकारी महज तीन घंटे पहले ही दी गई।
बकौल अमृता रावत, बुधवार को दोपहर बारह बजे पूर्व विधायक रणजीत रावत ने उन्हें फोन कर रामनगर में अपराह्न तीन बजे जनसभा के आयोजन की सूचना देते हुए इसमें शामिल होने का अनुरोध किया। महज तीन घंटे में देहरादून से सड़क मार्ग से रामनगर पहुंचने में असमर्थता जताते हुए श्रीमती रावत ने हेलीकाप्टर उपलब्ध न होने की बात कही। कैबिनेट मंत्री अमृता रावत ने बताया कि हेलीकाप्टर की अनुपलब्धता पर पूर्व विधायक रणजीत रावत ने कहा कि पौड़ी गढ़वाल सीट के पार्टी प्रत्याशी हरक सिंह रावत को उन्हें हेलीकाप्टर में साथ लेकर आना चाहिए था लेकिन श्री रावत टीपीएस रावत के साथ पहले ही रामनगर पहुंच चुके हैं।
श्रीमती रावत ने रोष जाहिर करते हुए कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की जानकारी परंपरा के मुताबिक भी उन्हें दी जानी चाहिए थी, जबकि उन्हें केवल तीन घंटे पहले ही सूचित किया गया। इस स्थिति में भला वह कैसे सड़क मार्ग से रामनगर पहुंच सकती थीं।