राजधर्म और लोक-लिहाज का हरहाल में हो पालन
रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून
लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव के मौके पर सियासी दल और सत्ता पक्ष-विपक्ष एकदूसरे को गरियाने और हमला बोलने में आपसी भाईचारे, मूल्यों और लोक-लिहाज को जिसतरह ताक पर रख रहे हैं, ऐसे में राज्यपाल डा अजीज कुरैशी ने सियासतदां को राजधर्म का पालन करने की नसीहत दी है। सियासी घटनाक्रम पर बारीक नजर रख रहे राज्यपाल ने किसी दल विशेष को लेकर सीधी टिप्पणी तो नहीं की, लेकिन यह संकेत देने से भी नहीं चूके कि केंद्र में नई सरकार बनाने वाला दल पूर्ण बहुमत शायद ही पाए, लिहाजा जनता जिसे बहुमत दे, उसे मानना चाहिए। मिलजुलकर देश के लिए सरकार चलनी चाहिए। डा कुरैशी को इस बात का मलाल है कि वह सूबे के पहले नागरिक के तौर पर संस्कृत में शपथ नहीं ले पाए। बतौर राज्यपाल एक मुस्लिम होते हुए सूबे की दूसरी राजभाषा संस्कृत में वह शपथ लेते तो इतिहास बनता। देश में उर्दू भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए अहम जिम्मेदारी निभा चुके डा कुरैशी ने कहा कि संस्कृत जैसी समृद्ध भाषा को आम भाषा बनाने की मुहिम हरहाल में जोर पकड़नी चाहिए।
देश में 16वीं लोकसभा के गठन के लिए चल रहे चुनावी महापर्व के अवसर पर 'दैनिक जागरण' से बातचीत में राज्यपाल डा कुरैशी ने कहा कि सियासी लड़ाई के फेर में इंसानियत और स्वस्थ समाज के मानदंडों को भूला नहीं जाना चाहिए। निहित स्वार्थो के लिए इसे तिलांजलि देने की होड़ शुरू हो चुकी है, जो लोकतंत्र की सेहत के लिए कतई ठीक नहीं मानी जा सकती। चुनाव में जनता का जो भी फैसला आएगा और जनता जिसे बहुमत देगी, उसे सहर्ष माना जाना चाहिए। जन अदालत के फैसले के आगे सिर झुकाना चाहिए।
प्रियंका पर स्वामी की टिप्पणी से खफा
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी वाड्रा पर की गई टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए गवर्नर ने कहा कि सियासी जंग इस स्तर पर नहीं पहुंचनी चाहिए। सियासतदां और दलों को राजधर्म के पालन पर जोर देते हुए कहा कि उन्होंने भी राजधर्म का हमेशा पालन किया है। बतौर राज्यपाल उन्होंने सत्तापक्ष और विपक्ष समेत आम आदमी को हमेशा तरजीह दी।
मुनाफाखोरी में लिप्त निजी कालेज
प्रदेश में उच्च शिक्षा के स्तर से नाखुश राज्यपाल ने कहा कि निजी शिक्षण संस्थाओं को कुकुरमुत्तों की तरह बढ़ावा देने पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि निजी संस्थाओं में कुछ ही मानदंडों पर खरा उतर रही हैं। ज्यादातर सिर्फ मुनाफाखोरी को ध्यान में रखकर काम कर रही हैं। प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति में पारदर्शिता के लिए सर्च कमेटी में हाईकोर्ट के सिटिंग जज और विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाना चाहिए। शिक्षा का स्तर सुधारने के कदम आगे बढ़ाने का इरादा जताते हुए यह भी कह बैठे वह पूरा प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कितनी कामयाबी मिलेगी यह भगवान ही जाने।
आपदा से उबरने में लगेगा ज्यादा वक्त
आपदा की मार से बेहाल प्रदेश को दोबारा पटरी पर लाने और चार धाम यात्रा दुरुस्त करने के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि सरकार के प्रयासों से वह संतुष्ट हैं, लेकिन जिस पैमाने पर आपदा ने कहर बरपाया है उससे उबरने के लिए ज्यादा तैयारी के साथ ही ज्यादा वक्त की दरकार भी है। राष्ट्रपति के साथ मुलाकात में भी उन्होंने आपदा पुनर्निर्माण को लेकर राज्य की तैयारियों पर चर्चा की। साथ ही इस कार्य के लिए राज्य को ज्यादा संसाधन मुहैया कराने की पैरवी की।
'दैनिक जागरण' की पहल को सराहा
मतदाताओं को अधिक से अधिक मतदान के लिए जागरूक करने को दैनिक जागरण की मुहिम को सराहते हुए राज्यपाल डा कुरैशी ने कहा कि आम आदमी को धार्मिक कर्तव्य मानकर वोट करना चाहिए। स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र के लिए मतदान बेहद जरूरी है। हम खुशकिस्मत हैं कि देश मे चाहे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री हों या आम आदमी, सबके वोट का समान महत्व है।