उम्मीदों पर भारी जिम्मेदारों की सुस्ती
संवाद सहयोगी, देहरादून: आठ महीने से सस्ता राशन मिलने की आस लगाए बैठे प्रदेश के करीब साढ़े 11 लाख परिवारों का इंतजार जिम्मेदारों की सुस्ती के कारण बढ़ता जा रहा है। पहले फरवरी, फिर अप्रैल और अब जून। लेकिन, खाद्य सुरक्षा योजना के राशन कार्डो के आंकड़ों पर नजर डाले तो योजना का जून में लागू करना भी संभव नजर नहीं आ रहा है।
प्रदेश में 15 हजार रुपये या इससे कम आय वाले परिवारों को सस्ता गेहूं व चावल के लिए प्रक्रिया अगस्त में शुरू हुई। आरंभ से ही जिम्मेदार विभाग व शासन का रवैया इस खाद्य सुरक्षा योजना के प्रति अत्यंत सुस्त रहा है। पहले योजना फरवरी में शुरू होनी थी, लेकिन तैयारी पूरी न होने के कारण शासन ने योजना को अप्रैल से शुरू करने की तैयारी की। लोगों को उम्मीद थी कि शायद अप्रैल से उन्हें सस्ता राशन मिलने लगेगा, लेकिन जब नजर राशन कार्डो पर डाली तो फिर ढाक के तीन पात। इसके बाद शासन जून से योजना को लागू करने की तैयारी में है। लेकिन, ताजा हालात के मुताबिक जून में भी योजना को लागू कर पाना संभव नजर नहीं आ रहा। क्योंकि, योजना के तहत प्रदेश में करीब साढ़े ग्यारह लाख परिवारों को लाभांवित किया जाना है। उधर अभी तक करीब साढ़े तीन लाख परिवारों के ही राशन कार्ड बने हैं। यही नहीं, अभी आठ जिले तो ऐसे हैं जहां से अब तक एक भी राशन कार्ड बनाने की सूचना शासन को नहीं भेजी गई।
एपीएल का संकट टला
केंद्र ने खाद्य सुरक्षा योजना लागू न होने तक एपीएल के कोटे पर लगाई रोक हटा दी है। अब जल्द ही मार्च में राशन से वंचित रहे उपभोक्ताओं को राशन मिलना शुरू हो जाएगा।
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'खाद्य सुरक्षा योजना का काम तेजी से चल रहा है। जल्द ही प्रदेश के सभी करीब साढ़े ग्यारह लाख राशन कार्ड बना दिए जाएंगे, तब तक उपभोक्ताओं को एपीएल का राशन पहले की तरह ही मिलता रहेगा'
-यूसी कबड़वाल, अपर सचिव
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति