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नजरों से ओझल हुआ उक्रांद

By Edited By: Published: Wed, 01 May 2013 01:05 AM (IST)Updated: Wed, 01 May 2013 08:25 AM (IST)
नजरों से ओझल हुआ उक्रांद

विकास गुसाई, देहरादून

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कभी सूबे के एकमात्र क्षेत्रीय दल होने का झंडा बुलंद करने वाले उत्तराखंड क्रांति दल का निकाय चुनाव में दयनीय प्रदर्शन रहा। स्थिति यह रही कि दल के मेयर व अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों को जमानत बचाने के लिए नाकों चने चबाने पड़े जबकि पार्षद पद पर प्रत्याशियों को दूसरे स्थान पर भी आने के भी लाले पड़े। हालांकि जसपुर में सभासद पद पर एक प्रत्याशी ने जीत कर किसी तरह पार्टी का खाता खोला। इनके अलावा प्रदेश के अन्य निकायों में पार्टी प्रत्याशी सीधे मुकाबले में भी नहीं आ पाए।

इन दिनों बुरे दौर से गुजर रहा उत्तराखंड क्रांति दल निकाय चुनाव को संजीवनी के रूप में देख रहा था। इसके लिए पार्टी ने दो निगमों में मेयर पद पर दो व नगर पालिका व पंचायत अध्यक्ष पद के लिए पांच उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। पार्षद व सभासद पद के लिए पार्टी के बैनर तले 13 प्रत्याशियों ने मैदान में ताल ठोकी। मूल निवास, पलायन व जल-जंगल-जमीन आदि मुद्दों को लेकर मैदान में उतरे उक्रांद को जनता ने पूरी तरह से नकार दिया। राजधानी में मेयर पद का चुनाव लड़ने उतरे पार्टी प्रत्याशी कुल हुए मतदान का मात्र कुल दो प्रतिशत वोट ही पा सके। पार्षद पद पर उतरने वाले सात प्रत्याशियों में से मात्र एक प्रत्याशी को छोड़ शेष प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। हल्द्वानी नगर निगम में भी पार्टी प्रत्याशियों की कमोवेश यही स्थिति रही। हालांकि नगर पालिका जसपुर में एक सभासद पद पर जीत दर्ज करने में उक्रांद सफल रहा। हालांकि, इसका कारण भी व्यक्तिगत जनाधार होना माना जा रहा है। छोटी सरकार के चुनावों में दल की इस दुर्दशा का कारण पार्टी के भीतर मचे घमासान को माना जा रहा है। दल के केंद्रीय अध्यक्ष त्रिवेंद्र पंवार भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं। उनका कहना है कि चुनाव के दौरान दल के भीतर कुछ लोगों ने जानबूझ कर विद्रोह किया। कांग्रेस के इशारे पर यह सब हुआ है। उन्होंने कहा कि दल लगातार बिखराव के बाद शून्य से शुरुआत कर रहा है। अब ग्राम स्तर पर जाकर दल को फिर से खड़ा करने की कवायद की जाएगी।

दल में फिर घमासान के हालात

देहरादून: निकाय चुनाव के नतीजों के बाद दल में एक बार फिर घमासान के हालात हो गए हैं। दल के संरक्षक काशी सिंह ऐरी ने इस हालात के लिए दल के केंद्रीय अध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष को चुनाव की कोई चिंता नहीं थी।

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