बूंद-बूंद पानी को तरसेंगे क्षेत्रवासी
जागरण संवाददाता, चम्पावत: सूखे के यही हालात बने रहे तो आने वाले दिनों में जिले के लोग बूंद बूंद प
जागरण संवाददाता, चम्पावत: सूखे के यही हालात बने रहे तो आने वाले दिनों में जिले के लोग बूंद बूंद पानी को तरसेंगे। लगभग सभी पेयजल स्रोत सूखने की कगार पर पहुंच गए हैं। नलों में पानी आना कम होने लगा है। कही दो तो कही चार दिन में पानी मिल रहा है। अगर यही हालात रहे तो आने वाले दिन चम्पावतवासियों के लिए काफी मुश्किलों भरे होंगे।
चम्पावत नगर के आठ जलस्रोतों से पानी सप्लाई की जाती है। पिछले करीब दो माह से बारिश हुई लेकिन बहुत कम जिससे पेयजल स्रोत सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं। इसी के साथ लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। नगर में 1200 कनेक्शन हैं। इसके लिए 1.7 एमएलडी पानी की जरूरत होती है, लेकिन इस वक्त स्रोतों से 0.7 एमएलडी पानी की सप्लाई भी नहीं हो रही है। ललुवापानी रोड व रौ-खेत के स्रोतों से नगर के मल्ली हॉट, तल्ली हॉट, ग्याली सेरान, शांत बाजार, जीआईसी रोड, जीजीआईसी क्षेत्र, कनलगांव, भेट्टी, छतार, तल्ली मादली, मल्ली मादली, त्यारकूड़ा, भैरवा आदि इलाकों में पानी दिया जाता है, लेकिन दोनों स्रोतों में पानी न के बराबर रह गया है। ऐसा ही हाल चौड़देव गधेरा, ठुम गधेरा, सैण गधेरा, छिड़ापानी
च्यूराखर्क, दुग्धारी पेयजल स्रोतों का है। पानी की कमी के चलते पानी कम आना शुरू होने लगा है। उपभोक्ताओं को कभी एक दिन छोड़कर तो कभी दो दिन में एक बार पानी मिल रहा है। इस वजह से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
लोहाघाट, पाटी, बाराकोट में पानी की किल्लत
जिले के लोहाघाट में चार दिनों में एक बार पानी मिल रहा है। नगर में 1.62 एमएलडी पानी की जरूरत है। वर्तमान में 0.42 एमएलडी ही पानी मिल रहा है। ऐसा ही हाल पाटी व बाराकोट क्षेत्र का है जहां पानी की किल्लत बनी हुई है। विभाग इसे दूर करने के लिए रोस्टर के अनुसार पानी बांट रहा है।
अधर में लटकी पेयजल योजनाएं
क्वैराला घाटी पंपिंग योजना, कोलीढेक, चमगाड़ लिफ्टिंग योजना अभी अधर में लटकी हुई है। अगर यह योजनाएं बन जाती तो जिले में पानी की समस्या दूर हो सकती थी। लेकिन इनमें से कुछ योजनाओं को बनने में वर्षो लग जाएंगे और कुछ योजनाएं शासन-प्रशासन की लापरवाही से अधर में लटकी हुई है।
पिछले साल भी थी पानी की किल्लत
चम्पावत: पिछले साल भी पानी की भारी किल्लत हुई थी। इसी वजह से जल संस्थान को टैंकरों व जीपों से पानी पहुंचाना पड़ा था। जिस वजह से जल संस्थान पर आर्थिक बोझ पड़ा था। वर्ष 2016 में जल संस्थान को इस काम के लिए 5 लाख से अधिक रुपये खर्च करने पड़े थे।
नगर जरूरत आपूर्ति
चम्पावत 1.7 एमएलडी 0.7
लोहाघाट 1.62 एमएलडी 0.42
चम्पावत में जलापूर्ति वाली योजनाएं
चौड़देव गधेरा
ठुम गधेरा
सैण गधेरा
रौखेत
ललुवापानी
छिड़ापानी
च्यूराखर्क
दुग्धारी
लोहाघाट में जलापूर्ति वाली योजनाएं
फोर्ती पेयजल योजना
चौड़ी पंपिंग योजना
बनस्वाड़ पेयजल योजना
ऋषेश्वर मिनी ट्यूबवेल योजना
पेयजल स्रोतों का डिस्चार्ज कम होने से जल संकट की नौबत आ रही है। दो दिन छोड़कर पानी की सप्लाई की जा रही है। स्टैंड पोस्टों के जरिए नियमित पानी की सप्लाई की जा रही है। ताकि लोगों को ज्यादा दिक्कतें न हों। विभाग लोगों को पानी मुहैया कराने के लिए अपने स्तर से प्रयासरत है।
- विशाल सक्सेना, ईई, जल संस्थान चम्पावत।