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प्रवक्ता न छत, ना ही मान्यता

By Edited By: Published: Fri, 19 Sep 2014 09:12 PM (IST)Updated: Fri, 19 Sep 2014 09:12 PM (IST)
प्रवक्ता न छत, ना ही मान्यता

लोहाघाट : सरकार युवाओं को तकनीकि शिक्षा से जोड़ने की बात करती है, वहीं सरकार की कारगुजारी के कारण पिथौरागढ़ में स्थापित व लोहाघाट में संचालित राजकीय पॉलीटेक्निक मूनाकोट के सैंकड़ों बच्चों का भविष्य अधर में लटकता नजर आ रहा है।

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वर्ष 2011-12 में सरकार द्वारा मान्यता देने के नाम पर लोहाघाट पॉलीटेक्निक से इसे संचालित किया गया था। परंतु प्रवक्ताओं के अभाव का दंश तकनीकि शिक्षा प्राप्त करने पहुंचे छात्र-छात्राओं को झेलना पड़ रहा है। यहां ना ही छात्र-छात्राओं के लिए बैठने की उचित व्यवस्था है ना ही सिर पर छत। हालांकि संस्थान द्वारा बच्चों के लिए अस्थाई तौर पर कमरों की व्यवस्था की गई है। सरकार द्वारा पिछले दिनों मूनाकोट संस्थान के भवन निर्माण के लिए एक करोड़ रुपए की स्वीकृति के साथ 13 प्रवक्ताओं के पदों की स्वीकृति प्रदान करने की बात कही गई थी, परंतु वह घोषणा भी हवाई साबित हुई। हालात यह है संस्थान में कक्षाओं के संचालन को चार वर्ष से भी अधिक का समय बीत चुका है, परंतु अब तक संस्थान को एआइसीटीई की मान्यता नहीं मिल पाई है।

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आरटीआइ ने खोली सरकार की पोल

लोहाघाट : पिछले चार साल से लोहाघाट में संचालित राजकीय पालीटेक्निक मूनाकोट की मान्यता सवालों के कठघरे में खड़ी हो गई है। आरटीआइ के तहत मांगी गई रिपोर्ट से संस्थान में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के पैरों तले से जमीन खिसक गई। लोक सूचनाधिकारी द्वारा भेज गए जबाव में साफ तौर पर कहा गया है कि राजकीय पालीटेक्निक मूनाकोट पिथौरागढ़ को शुरुआत से ही मान्यता नहीं दी गई थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि संस्थान को एआइसीटीई की मान्यता हेतु निर्धारित मानकों के अनुसार आवश्यक भवन, स्टाफ, साज-सज्जा एवं उपकरण आदि की जरूरत होती है, जो इस संस्थान के पास नहीं है।

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सड़क पर उतरेंगे छात्र

लोहाघाट : राजकीय पालीटेक्निक लोहाघाट में अध्ययनरत मूनाकोट पिथौरागढ़ के छात्र-छात्राओं ने संस्थान की मान्यता के लिए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विद्यार्थियों ने शासन प्रशासन पर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए आक्रोश जताया। उनका कहना है कि वह चार साल से बिना प्रवक्ताओं व बिना भवन के शिक्षा ग्रहण कर रहे। जिससे छात्र-छात्राओं को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां प्रवक्ताओं व भवन का निर्माण तो दूर, सरकार द्वारा मूनाकोट संस्थान को मान्यता तक नहीं दी गई है। छात्र-छात्राओं ने शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्र-छात्राओं ने 25 सिंतबर से कालेज परिसर में धरने पर बैठने की चेतावनी दी है। इस मौके पर हयात सिंह, करन राय, माया बोहरा, दीपा कोश्यारी, पूजा विश्वकर्मा, दम्यंती गोसाई, नेहा पांडेय, विनोद राठौर, कैलाश कुमार, केदार अधिकारी, नीरज भट्ट, सुनील डुगराकोटी, मुकेश गोस्वामी, संदीप सिंह अधिकारी, डोलू पांडेय, साक्षी तिवारी, पूजा जोशी, विपिन चौहान आदि उपस्थित थे।

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पास आउट छात्र-छात्राएं खा रहे ठोकरें

लोहाघाट : हर एक मां-बाप का सपना होता है कि उनका बच्चा पढ़ लिखकर अच्छी नौकरी के साथ संपन्न हो। परंतु मूनाकोट पालीटेक्निक से शिक्षा ग्रहण करने वाले पहले बैंच के 40 छात्र-छात्राएं दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। संस्थान को ऑल इंडिया कांउसिल ऑफ टेक्निकल एजूकेशन की मान्यता न मिल पाने के कारण युवाओं को सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में नौकरी पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। जिस कारण उनका व उनके परिवार का मनोबल दिन प्रतिदिन गिरता जा रही है।


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