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आरईएस में सीसीटीवी कैमरों से निगरानी

संवाद सहयोगी, चम्पावत : सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी नदारद रहते हैं। कहीं जनता के काम समय पर नह

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Jun 2017 01:00 AM (IST)Updated: Thu, 29 Jun 2017 01:00 AM (IST)
आरईएस में सीसीटीवी कैमरों से निगरानी
आरईएस में सीसीटीवी कैमरों से निगरानी

संवाद सहयोगी, चम्पावत : सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी नदारद रहते हैं। कहीं जनता के काम समय पर नहीं होते हैं तो कहीं अनावश्यक रूप से जरूरतमंदों को परेशान किया जाता है। इसके चलते आम आदमी सरकारी कामकाज से नाराज रहता है। अलबत्ता ग्रामीण अभियंत्रण सेवा (आरईएस) का कार्यालय पूरी तरह कैमरे की निगाह में है। व्यवस्था को पारदर्शी बनाया गया है। साथ ही विभाग में दबाव डालने को पहुंचने वाले लोग भी अब नहीं आते हैं।

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यदि अधिकारी चाहें तो कार्यालयों की दशा सुधर सकती है। पिछले दिनों प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से विभागों में की गई छापामार कार्यवाही के दौरान करीब 115 कर्मचारी नदारद मिले। इन सबके बीच विकास भवन में स्थित आरईएस ने अपने कार्यालय को सीसीटीवी कैमरों से सुसज्जित किया है। कार्यालय में नजर रखने के लिए चार कैमरे लगाए गए हैं। अभियंताओं व कर्मचारियों को कार्यालय में बैठ गपशप मारने की अनुमति नहीं है। यह सब हो पाया अधिशासी अभियंता जेएस धर्मशक्तू की दृढ़ इच्छा शक्ति से। उन्होंने अधीनस्थ कर्मियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि जनता के काम हो सकते हैं तो उन्हें पांच मिनट के अंदर बात दें। यदि किसी कारणवश नहीं हो सकता है तो यह भी स्पष्ट कर दें। इससे लोगों को अनावश्यक नहीं भटकना पड़ेगा। विभाग में पूर्व में सरकारी विभागों के लोग भी टेंडर लेने आते थे। वह कर्मचारियों पर अनावश्यक रूप से दबाव बनाते थे। कैमरे लगने के बाद अब सिर्फ विभाग में रजिस्टर्ड ठेकेदार ही टेंडर व अन्य कार्यो के लिए आते हैं। कार्यालय में लंच समय भी खत्म कर दिया गया है। इसका कारण है कि जिले के दूरदराज से आने वाले ग्रामीण एक से दो बजे के बीच ही जिला मुख्यालय पहुंच पाते हैं। इसी समय लंच के चलते उन्हें अनावश्यक रूप से दो-ढाई घंटे इंतजार करना पड़ता था जो उनके लिए काफी पीड़ादायक होता था। ईई धर्मशक्तू ने बताया कि कार्यालय की व्यवस्था को सुधारने के लिए तथा विभाग में आने वाले ग्रामीण व अन्य जरूरतमंदों की समस्याओं को देखते हुए यह कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि कैमरे लगने के बाद अब कार्यालय पूरी तरह व्यवस्थित हो गया है। यदि अन्य सरकारी कार्यालयों में भी यह व्यवस्था की जाए तो कर्मचारियों की मनमानी पर तो अंकुश लगेगा ही, साथ ही जरूरतमंदों के कार्य भी समय पर होंगे।


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