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बाघ के आतंक से उबर नहीं पा रहे ग्रामीण

संवाद सूत्र, टनकपुर : बस्तिया गांव में बाघ के आंतक से ग्रामीण अभी भी खासे डरे हुए हैं। उन्होंने चेता

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jun 2017 04:53 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jun 2017 04:53 PM (IST)
बाघ के आतंक से उबर नहीं पा रहे ग्रामीण
बाघ के आतंक से उबर नहीं पा रहे ग्रामीण

संवाद सूत्र, टनकपुर : बस्तिया गांव में बाघ के आंतक से ग्रामीण अभी भी खासे डरे हुए हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि शीघ्र बाघ को नहीं पकड़ा जाता है तो वह शुक्रवार को राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरना देंगे। उधर बाध की तलाश में वन विभाग की टीम की गश्त जंगल में जारी है।

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बता दें कि पिछले पांच माह में बाघ तीन महिलाओं को अपना शिकार बना चुका है। बीती शनिवार को बस्तिया गांव की जानकी देवी को बाघ ने हमला कर उस समय मौत के घाट उतार दिया जब वह साथी महिलाओं के साथ जंगल में पत्ते बीनने गई थी। हादसे के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रदर्शन करते हुए जाम लगा दिया था। इससे आने-जाने वाले लोगों व वाहनों चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। पांच घटे के जाम के बाद डीएफओ एके गुप्ता ने शीघ्र बाघ को पकड़ने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया था। इसके बाद ही ग्रामीणों ने जाम खोला। पांच दिन बीत जाने के बाद भी बाघ अभी तक वन विभाग की पकड़ से बाहर है। इससे बस्तिया गांव के ग्रामीणों में खासा आक्रोश है। उन्होंने वन विभाग को चेतावनी दी है कि बाघ को शीघ्र नहीं पकड़ा गया तो वह फिर से राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरना देने को मजबूर होंगे। इधर बाघ की खोजबीन में विभागीय टीम जंगलों की खाक छान रही है। तीन दिन पूर्व किरोड़ा रोखड़ के पास बाघ की दहाड़ सुनाई दी थी। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि क्षेत्र में कई बाघ हो सकते हैं।


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