रोजगार सृजन से जुड़ी सहकारी समितियां
संवाद सहयोगी, चम्पावत : सहकारिता विभाग की बहुद्देश्यीय साधन सहकारी समितियां अब रोजगार सृजन के कार्य
संवाद सहयोगी, चम्पावत : सहकारिता विभाग की बहुद्देश्यीय साधन सहकारी समितियां अब रोजगार सृजन के कार्य से जुड़ गई हैं। जिले में स्थित 23 समितियां आने वाले समय में ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें उत्पादक गतिविधियों से जोड़ कर आर्थिक रूप से मजबूत करने का कार्य करेंगी।
एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत सिप्टी पुनाबे में ढिंगरी मशरूम का उत्पादन किया जा रहा है। अभी इसे ट्रायल बेस में शुरू किया गया है। अभी यहां से 30 किलो मशरूम प्रतिदिन बाजार में बिकने के लिए आ रहा है। मशरूम को काफी पौष्टिक माना जाता है। इसके चलते 250 रुपये प्रति किलो यह हाथों-हाथ बिक जा रहा है। यहां प्रतिदिन 50 किलो मशरूम उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। यदि मशरूम का उत्पादन अच्छा हुआ तो इसे नवोदय विद्यालय के साथ ही अन्य स्कूलों में भी बच्चों को मिड-डे-मिल में देने की योजना बनाई जा रही है। सहकारिता विभाग के विकास अधिकारी देवेंद्र सिंह करासी ने बताया कि ढिंगरी मशरूम का उत्पादन गेहूं की भूसी में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि समिति को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मशरूम उत्पादन करने का निर्णय लिया गया। इसके अच्छे परिणाम भी मिल रहे हैं। बताया कि मशरूम में खनिज, विटामिन, पोटेशियम, कापर, आयरन, सिलेनियम की पर्याप्त मात्रा होती है। इसमें कोलीन भी होता है जो याददाश्त व मांसपेशियों की सक्रियता बढ़ाने का कार्य करता है। सिलेनियम इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। इसके अलावा सूखीढांग में शहद उत्पादन का कार्य किया जा रहा है। जून तक यहां से दो कुंतल शहद का व्यवसाय करने का लक्ष्य रखा गया है।
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सहकारिता विभाग के अंतर्गत सभी 23 समितियां लाभ में हैं। इन समितियों को रोजगार सृजन से जोड़ा जा रहा है। महिलाओं को प्रशिक्षित कर उनकी आर्थिकी को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं।
-पान सिंह राणा, एआर कोआपरेटिव